सुशांत केस में महाराष्ट्र सरकार से ले लिया ‘लोहा’, अपने अधिकारी के लिए जब मुंबई पुलिस से ‘भिड़’ गये गुप्तेश्वर पांडेय
सिटी पोस्ट लाइव : गुप्तेश्वर पांडेय ने अपने सेवाकाल में पांच महीने पहले ही नौकरी से वीआरएस ले ली है। लेकिन बिहार के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडेय का हर अंदाज जुदा रहा है। बेहतर पुलिसिंग का जो नमूना उन्होनें समय-समय पर पेश किया उसकी मिसाल आने वाले सालों तक दी जाती रहेंगी। खासकर नौकरी छोड़ने से पहले सुशांत सिंह राजपूत केस में जिस संजीदगी से अपने अधिकारियों के लिए सामने आए वो पुलिस वाले क्या आम लोग भी नहीं भूल पाएंगे।
पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की चर्चा बिहार के बेटे दिवंगत फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के केस में उस वक्त नयी ऊंचाईयों पर पहुंच गयी जब इस केस में बिहार पुलिस के अधिकारियों की सम्मान की रक्षा के लिए उन्होनें सीधे-सीधे महाराष्ट्र सरकार से लोहा ले लिया। बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी पटना के सिटी एसपी विनय तिवारी को क्वारंटीन किए जाने के बाद पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय इस कठिन वक्त में पूरी मुस्तैदी से सामने आए।
गुप्तेश्वर पांडेय ने महाराष्ट्र सरकार, एमसीडी और मुंबई पुलिस के खिलाफ अकेले ही मोर्चा खोल दिया । वे तब तक नहीं माने जब तक महाराष्ट्र सरकार ने बैकफुट पर आकर आईपीएस अधिकारी को क्वारंटीन मुक्त नहीं कर दिया। ये पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय की ही दिलेरी है कि आज सुशांत सिंह राजपूत केस में बड़े-बड़े खुलासे हो रहे हैं केस की तीन ब़ड़ी एजेंसिया जांच कर रही है और ड्रग्स एंगल ने तो पूरे बॉलीवुड को ही हिला कर रख दिया है।
बता दें कि एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत के मामले में पटना में एफआईआर दर्ज हुई थी। इस एफआईआर के दर्ज होने के बाद डीजीपी के निर्देश पर ही बिहार पुलिस की टीम को जांच के लिए वहां भेजा गया था लेकिन बीएमसी ने मुंबई पहुंचते ही बिहार के आईपीएस विनय तिवारी को क्वारंटीन कर दिया था।
इस मामले में गुप्तेश्वर पांडेय ने अपनी बातों को बेबाक तरीके से सबके सामने रखा था और कई बार वो खुलकर मीडिया के सामने आए थे। डीजीपी ने अपने अधिकारी को क्वारंटीन किए जाने को लेकर बीएमसी पर सवाल भी खड़े किए थे। उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत को बिहार का बेटा बताते हुए इस केस की सीबीआई जांच की अनुशंसा होने से पहले तक काफी शानदार तरीके से केस की जांच करवाई थी।
डीजीपी रहते गुप्तेश्वर पांडेय ने इस मौत के मामले में मुंबई पुलिस की जांच पर भी कई सवाल उठाए थे। दरअसल महाराष्ट्र सरकार और मुंबई पुलिस द्वारा बिहार से जांच के लिए मुंबई गए पुलिस अधिकारियों एवं जांच टीम के साथ जिस तरह का दुर्व्यवहार किया गया था इससे डीजीपी काफी आहत थे। उन्होंने इस बात को कई टीवी चैनलों पर रखने के साथ ही पूरे प्रकरण की सोशल मीडिया के माध्यम से भी आलोचना की थी।
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