दरअसल जोकीहाट उपचुनाव मात्र एक उपचुनाव भर नही हैं. बिहार के बदले सियासी समीकरण में जोकीहाट का परिणाम बिहार के सियासत पर गहरा प्रभाव डाल सकता है. जोकीहाट फिलहाल जेडीयू की सीटिंग सीट थी . इस वजह से उस पर अपनी सीट को बचाने का ज़्यादा दबाव था.जोकीहाट उपचुनाव: हार गए नीतीश ,जीत गई बीजेपी लेकिन बढ़ गई एनडीए की चुनौती .पेश है कनक कुमार की ख़ास रिपोर्ट –
सिटीपोस्टलाईव: बिहार की जोकीहाट विधान सभा उप-चुनाव का नतीजा सामने आ चूका है.आरजेडी उम्मीदवार 30 हजार वोटों से आगे है.मतलब चुनाव बड़े मार्जिन के साथ आरजेडी उम्मीदवार जीत चूका है.विधान सभा चुनाव में दस हजार बारह हजार वोटों का फासला जीत हर तय करने के लिए काफी होता है.यहाँ तो अंतर 30 हजार से भी ज्यादा है. जेडीयू प्रवक्ता निखिल मंडल भी मानते हैं कि विधान सभा चुनाव में दस हजार से ज्यादा मतों का अंतर काफी होता है. लेकिन एक बड़ा सवाल जरुर है कि महागठबंधन की सीट को हार जाने से क्या नीतीश कुमार का राजनीतिक भविष्य प्राभावित होगा ? दरअसल जोकीहाट उपचुनाव मात्र एक उपचुनाव भर नही हैं. बिहार के बदले सियासी समीकरण में जोकीहाट का परिणाम बिहार के सियासत पर गहरा प्रभाव डाल सकता है. जोकीहाट फिलहाल जेडीयू की सीटिंग सीट थी. इस वजह से उस पर अपनी सीट को बचाने का ज़्यादा दबाव था.
ख़ुद नीतीश कुमार ने भी रैली की थी. इस सीट को जीतकर मैसेज देने की कोशिश करेगा कि बिहार के अल्पसंख्यक मतदाता नीतीश कुमार के पीछे हैं और आने वाले लोकसभा चुनाव में जेडीयू की भूमिका बड़ी रहने वाली है. इस सीट को जीत कर अपने सहयोगी बीजेपी को यह बड़ा मैसेज देने की जेडीयू की यह कोशिश नाकाम हो गई है कि बदली परिस्थिति में भी बिहार के अल्पसंख्यक मतदाता नीतीश कुमार के पीछे हैं.पहले जहानाबाद और अब इस सीट से हार जाने के बाद अब आने वाले लोकसभा चुनाव में जेडीयू की भूमिका बड़े भाई की जगह छोटे भाई की हो सकती है.
जेडीयू की योजना थी मुस्लिम वोट को तोड़ आरजेडी के माय समीकरण को झटका देना, वहीं बीजेपी के ऊपर आगामी चुनावों में ज्यादा से ज्यादा सीटों के लिए दबाव बनाना .इसलिए जोकीहाट चुनाव में नीतीश कुमार की हर में बीजेपी की जीत है.दिखाने के लिए बीजेपी इस चुनाव में नीतीश कुमार के साथ खादी थी.लेकिन सच्चाई यहीं है कि उसका हर नेता यहाँ नीतीश कुमार को शिकस्त खाते देखना चाहता था.इस चुनावी नतीजे के बाद बीजेपी और जेडीयू के बीच भी तनाव दिखना शुरू हो सकता है.वैसे पहले से ही लोक सभा सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है.इस चुनाव में जेडीयू की हार से नीतीश कुमार पर बीजेपी का दबाव तो बढ़ गया है .लेकिन आगामी विधान सभा चुनाव में एनडीए की चुनौती काफी बढ़ बढ़ गई है.
महागठबंधन के नेताओं को पता है कि जोकीहाट के परिणाम का मतलब मुस्लिम वोट पर क्या पड़ने वाला है. यही वजह है की परिणाम के साथ साथ मुस्लिम वोट पर दावेदारी भी महगठबंधन के नेता जता रहे हैं.लेकिन अब एनडीए नेताओं के अल्पसंख्यक मतदाताओं के साथ होने के दावे की हवा निकल गई है.
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