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बिहार के इन 10 जिलों में टिड्डियों को लेकर हाई अलर्ट, गांव में तैनात होंगे अधिकारी.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में टिड्डियों (Locusts) के हमले का खतरा बढ़ गया है. गुरुवार को कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार ने आपात बैठक कर यूपी से सटे राज्य के दस जिलों में हाई अलर्ट (High Alert) जारी कर दिया है. कृषि अधिकारियों को रात में भी सजग रहने को कहा गया है. यहां तक की कीटनाशक दवाओं की दुकानें को रात में भी खोले रखने के निर्देश दिये गए हैं. इस खतरे को देखते हुए किसानों (Farmers) को ट्रेनिंग दी जा रही है.कृषि विभाग के अधिकारी भी अलर्ट पर हैं.

कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार में टिड्डी दल के सम्भावित खतरे को देखते हुए त्तर प्रदेशउ से सटे राज्य के 10 जिलों, कैमूर, रोहतास, बक्सर, भोजपुर, गया, औरंगाबाद, सारण, सीवान, गोपालगंज एवं पश्चिमी चम्पारण में हाई अलर्ट जारी करते हुए आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. इन जिलों के लगभग सभी पंचायतों में चेतावनी और आवश्यक समाधान हेतु एडवाइजरी जारी की गई है. पंचायतों में मॉक ड्रिल भी की गई है. जागरुकता अभियान भी चलाया जा रहा है. चेतावनी और सावधानी से संबंधित पर्चों का वितरण भी किसानों के बीज कराया गया है.

कृषि मंत्री ने कहा कि जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में जिलास्तरीय टिड्डी नियंत्रण समिति की बैठक हर हफ्ते हो रही है. पंचायत स्तर से लेकर राज्य स्तर तक के पदाधिकारियों को अलर्ट मोड में रखा गया है. इन दस जिलों में पौधा संरक्षण संभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को गांवों में रात्रि विश्राम करने के निर्देश दिये गये हैं. साथ ही इन क्षेत्रों में स्थित कीटनाशक दवाओं की दुकानों को रात में भी खोले रखने को कहा गया है. पौधा संरक्षण संभाग के कर्मियों को ऐहतियात के तौर पर कीटनाशी दवाओं को अपने पास रखने के लिए कहा गया है. ताकि टिड्डियों के आक्रमण की सूचना मिलते ही इन दवाओं का छिड़काव प्रभावित जगहों पर किया जा सके.

मंत्री ने कहा कि पंचायत स्तर पर किसानों को टिड्डी दल के हमला का सामना करने के लिए एक साथ इकठ्ठा होकर ढोल-नगाड़ों, टीन के डिब्बों और थाली आदि को बजाते हुए शोर मचाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है. ताकि टिड्डियां आस-पास के खेतों में आक्रमण नहीं कर पाये. सम्भावित प्रभावित क्षेत्रों के लिए कृषि रक्षा रसायनों, स्प्रेयर्स एवं टैक्टर्स आदि की व्यवस्था कर ली गई है. सर्वेक्षण दल का गठन कर जागरुकता कार्यक्रम चलाया गया है. अग्निशमन विभाग को भी स्टैंडबाई मोड में रहने को कहा गया है.

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