सोमनाथ .
जमानत खारिज होने से चिंतित नहीं है अर्जित शाश्वत ,बन गया है भागलपुर से बीजेपी का बड़ा नेता .
सिटीपोस्टलाईव : भागलपुर सांप्रदायिक हिंसा मामले में दो दिनों पूर्व गिरफ्तार केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत की नियमित जमानत अर्जी को अदालत से खारिज कर दिया. आज मंगलवार को भागलपुर के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंजनी कुमार श्रीवास्तव की अदालत में इस पर सुनवाई हुई. पुलिस इस मामले में अबतक पांच अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है .तीन एनी अभियुक्तों ने अदालत में सरेंडर की दिया है. 17 मार्च को भागलपुर के चंपानगर में हुई हिंसा मामले में अदालत ने अर्जित के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया था. 31 मार्च को अग्रिम जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने पटना में पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था. इसके बाद एक अप्रैल को अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.हालांकि अभी भी यह एक पहेली ही है कि उन्होंने आत्म-समर्पण किया या पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया .
अर्जित शाश्वत की जमानत याचिका खारिज किये जाने को लेकर भले विपक्ष खुश हो लेकिन सच्चाई यहीं है कि अर्जित ने ये सबकुछ पूर्व तय योजना के तहत अपनी राजनीति चमकाने के लिए ये सबकुछ किया और उसमे वह काफी हदतक सफल भी रहा .उसके समर्थकों का कहना है कि अब उसका भागलपुर से लोक सभा का टिकेट फाइनल हो गया है.उसके समर्थक अब उसे भागलपुर का हिन्दू ह्रदय सम्राट कहने लगे हैं.इसमे शक की कोई गुंजाइश नहीं कि उनके पिता केन्द्रीय राज्य स्वास्थ्य मंत्री अश्वनी चौबे के लिए बक्सर से अगला चुनाव जीतना आसान नहीं है .ऐसे में अर्जित ने यह कांड करके कम से कम भागलपुर लोक सभा सीट से अपने पिता की जीत सुनिश्चित कर दी है.
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