सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना संकट में भी बिहार बीजेपी (Bihar BJP) लगातार चुनावी तैयारी में जुटी हुई है.प्रदेश अध्यक्ष लगातार विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये पार्टी के मंडल अध्यक्षों, जिला अध्यक्षों के साथ बातचीत कर रहे हैं.सिटी पोस्ट लाइव के साथ ख़ास बातचीत में प्रदेश अध्यक्ष संजय जत्सवल ने कहा कि अब बीजेपी बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्रों में विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये सम्मेलन और रैली करेगी. बीजेपी वर्चुअल रैली और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) के माध्यम से लोगों के सामने अपनी बात को रखेगी. इसके लिए बीजेपी ने अपने आईटी सेल को भी काफी मजबूत किया है.
बिहार बीजेपी इस कोरोना वायरस में भी अपने चुनावी अभियान को तेज करने में लगी है. अब बीजेपी विधानसभा चुनाव को देखते हुए बिहार के 243 विधानसभा क्षेत्रों में रैली और सम्मेलन करने वाली है. 6 जून से 23 जून तक बीजेपी हर विधानसभा क्षेत्र में वर्चुअल रैली और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से लोगों तक अपना संदेश पहुंचाएगी. बिहार बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और वर्चुअल रैली के प्रभारी राजेश वर्मा ने बताया इस दरमियान बीजेपी हर विधानसभा क्षेत्र में लोगो के सामने वर्चुअल रैली करेगी. इसके अलावा हर कुछ जगहों के बाद एलईडी डिस्प्ले लगाकर नेताओं का भाषण भी सुनाया जाएगा. इसमें मात्र 50 लोग ही सोशल डिस्टेंसिंग के तहत बैठेंगे. बीजेपी पूरे विधानसभा सम्मेलन में पीएम पैकेज का प्रचार करेगी.लोगो को केंद्र सरकार और राज्य सरकार की उपलब्धियों को बताया जाएगा.
बिहार बीजेपी ने इसके लिए आईटी सेल का एक वार रूम भी बनाया है. इसमें बीजेपी के आईटी सेल के एक्सपर्ट लगातार काम कर रहे हैं. बीजेपी आईटी सेल के प्रदेश अध्यक्ष मनन कृष्ण ने बताया कि अब तक एक साथ 1000 लोगों की वर्चुअल रैली संभव हो पाई हैं. आने वाले दिनों में इसकी संख्या और बढ़ाई जाएगी.
बीजेपी की इस तैयारी से बाकी पार्टियां परेशान हैं.बिहार कांग्रेस के नेता प्रेमचन्द्र मिश्रा कहते हैं कि पिछले 15 सालों से बिहार में बीजेपी सत्ता में है, लेकिन उपलब्धि के नाम पर उनके पास कुछ भी नहीं है. कांग्रेस सवाल खड़े कर रही है कि पिछले 15 साल में बीजेपी काम बिहार में कुछ नहीं दिखा है,वह कोरोना संकट में भी फेल है तो जनता के बीच में जाएगी तो क्या जवाब देगी.इन्होंने कोरोना संकट के दौरान भी बिहार की जनता को अकेले छोड़ दिया है. ऐसे में यह वन वे कम्युनिकेशन करके ही अपनी बातों को रख सकते हैं. जनता से संवाद करने की हिम्मत नहीं है.
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