City Post Live
NEWS 24x7

बजरंगबली की मूर्ति किसने तोड़ी ?

- Sponsored -

-sponsored-

- Sponsored -

श्रीकांत प्रत्यूष .
नवादा में साम्प्रदायिक तनाव के लिए आम अवाम नहीं बल्कि प्रशासन और राजनेता दोनों ही जिम्मेवार हैं .सबसे बड़ी गलती शहर के एसडीओ राजेश कुमार ने यह आग्रह करके किया कि रामलीला के जुलूस में समुदाय विशेष के इलाक़ों में पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे से परहेज किया जाए.उनके इसी आग्रह को आधार बनाकर राजनीतिक दलों से जुड़े लम्पटों ने सांप्रदायिक तनाव फ़ैलाने की पटकथा लिख दी .
नवादा में रामलीला से पहले ज़िला प्रशासन ने स्थानीय नेताओं और धार्मिक संगठन के नेताओं को बुलाकर एक शांति बैठक कराई थी.इस बैठक में ही शहर के एसडीओ राजेश कुमार ने इस तरह का आग्रह किया था और उसी दौरान ज़िला के बीजेपी अध्यक्ष शशिभूषण ने आपत्ति जताकर अपना मंसूबा साफ़ कर दिया था .राजेश कुमार के इस प्रस्ताव ने तूल पकड़ लिया और मामला नवादा के सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह तक पहुंच गया. गिरिराज सिंह ने यह कहकर आग में घी डालने का कम कर दिया कि पाकिस्तान मुर्दाबाद का नारा भारत में नहीं लगेगा तो कहां लगेगा.जब अपनी गलती का अहसास हुआ तो राजेश कुमार अपने प्रस्ताव से मुकरने लगे और ठीक उसी तरह से बीजेपी प्रमुख शशिभूषण इस प्रस्ताव के विरोध से जुड़े सवालों के जबाब देने से कतराने लगे.
वैसे शहर में रामनवमी शांतिपूर्ण रही, लेकिन 30 मार्च की सुबह शहर के गोंदापुर इलाक़े में बजरंगबली की एक मूर्ति टूटने की ख़बर आई.अचानक ही लोगों की भीड़ बजरंगबली के चबूतरे के पास जमा हो गई और देखते ही देखते हिंसक हो गई.गोंदापुर के पास ही भदौली है और यहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं. यहीं दारुल उलूम फ़ैज़ुल बारी नाम का एक मदरसा भी है.पास ही में एक बरात भी आई थी और कुछ लोगों ने अफ़वाह फैला दी कि बारातियों में से ही किसी ने मूर्ति तोड़ी है. इसके बाद बारातियों पर भीड़ ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. प्रशासन ने सक्रियता दिखाई इसलिए कोई बड़ा दंगा नहीं हुआ.इधर मूर्ति तोड़े जाने के बाद पत्थरबाज़ी शुरू हो गई थी और 10 बजे के आसपास लोगों ने शहर की ही हजरत सैयद सोफ़ी दुल्ला शहीद शाह की मज़ार को आग के हवाले कर दिया था .हालांकि स्थानीय हिन्दुओं ने ही उसे बचाने में अहम् भूमिका निभाई .
गोंदापुर के लोग नहीं जानते कि मूर्ति किसने तोड़ी. लेकिन सब यहीं मानकर चल रहे हैं कि कोई हिन्दू तो मूर्ति नहीं तोड़ सकता,इसलिए ये मान लेना उनके लिए आसान है कि यह काम किसी मुस्लिम ने ही किया होगा .लोग सच्चाई जानते हैं कि इस तरह के काम करनेवालों का किसी मजहब से कोई लेनादेना नहीं होता .उनका मकसद सिर्फ भाईचारा बिगाड़ना होता है .
दापुर के उस चबूतरे पर प्रशासन ने नई मूर्ति लगवा दी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि पुरानी मूर्ति की तुलना में यह मूर्ति आकार में बड़ी है. यह चबूतरा बिल्कुल खुली जगह पर है. यहां गंदगी भी काफ़ी है. गोंदापुर के लोगों के लिए भी यह कोई श्रद्धा और आस्था का लोकप्रिय केंद्र नहीं था, लेकिन मूर्ति तोड़े जाने के बाद से यह जगह काफ़ी चर्चित हो गई है.मज़ार के लोगों का कहना है कि पास के हिन्दुओं ने ही मज़ार को जलने से बचा लिया. यहां भी प्रशासन ने उसी वक़्त मज़ार को दुरुस्त किया.
नवादा में पिछले शुक्रवार से इंटरनेट सेवा बंद है. शहर के डीएम कौशल कुमार का कहना है कि हालात नियंत्रण में हैं. उन्होंने कहा कि कई लोगों पर एफ़आईआर दर्ज की गई है. हालांकि उन्होंने कोई निश्चित संख्या नहीं बताई.
गोंदापुर में यादवों की संख्या हिन्दुओं में सबसे ज़्यादा है. वहां के कुछ मुसलमान भी यह मानते हैं कि वो दंगों और मुसलमानों के ख़िलाफ़ हिंसा में केवल बीजेपी ही जिम्मेवार नहीं इसके पीछे आरजेडी के लोग भी हो सकते हैं .अल्प्संक्यक ये भी सवाल उठा रहे है कि शहर में मुसलमान तो और जगह भी हैं, लेकिन हमेशा दंगा दंगा गोंदापुर में ही क्यों होता है ?
ये तो जांच का विषय है कि दंगा के पीछे बीजेपी के नेताओं का हाथ है या फिर अल्पसंख्यकों की गोलबंदी के मकसद ये यह किया गया है ? अगर अभी प्रशासन ने सच्चाई का पता करके दोषियों को चिन्हित नहीं किया तो नवरात्र यानी दशहरा पर्व उसके लिए अग्नि परीक्षा साबित होगा .

- Sponsored -

-sponsored-

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

- Sponsored -

Comments are closed.