सिटी पोस्ट लाइव : देश दुनिया के साथ साथ बिहार भी कोरोना का आपदा का सामना कर रहा है.ये कोई मामूली आपदा नहीं बल्कि भीषण आपदा है लेकिन इस आपदा की घड़ी में बिहार सरकार के आपदा प्रबंधन मंत्री के गायब रहने को लेकर सवाल उठने लगे हैं. सबसे ख़ास बात पिछले दो महीने से देश भर में लॉक डाउन है. केवल स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग के मंत्री और अधिकारी ही काम करते नजर आ रहे हैं. लेकिन बिहार में तो दो महीने से किसने आपदा प्रबंधन मंत्री को किसी ने देखा ही नहीं.शायद ही किसी को इस हाई टाइम में भी आपदा परबंधन मंत्री का नाम किसी को याद हो.
कोरोना संकट के बीच जिन विभागों पर सबसे अधिक दबाव है, उनमें से एक विभाग है स्वास्थ्य विभाग और दूसरा सबसे अहम् विभाग है आपदा प्रबंधन विभाग. इस आपदा के दौरान पिछले 50 दिनों में एक बार भी इस विभाग के मंत्री लक्षमेश्वर राय सार्वजनिक मंच पर नहीं दिखे हैं.कोरोना संकट के बीच कहां गायब है सूबे के आपदा विभाग के मंत्री? यह सवाल अब हर तरफ से उठने लगा है. जिस विभाग पर इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी है, उस विभाग के मंत्री क्यों कहीं नहीं दिखाई दे रहे हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस कोरोना आपदा को लेकर हर दिन बैठक करते हैं. इन बैठकों में आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव तो मौजूद होते हैं, लेकिन मंत्री कभी भी इन बैठकों में नहीं दिखते हैं. सवाल उठता है कि क्या मुख्यमंत्री को विभाग के मंत्री की ज़रूरत नहीं हैं या फिर मुख्यमंत्री जी को सिर्फ अधिकारियों पर ही भरोसा है.आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय के गायब रहने को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है. खुद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कई बार इसे लेकर ट्वीट भी किया है. वहीं कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने सवाल उठाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री मंत्रियों से कोई सलाह नहीं लेते हैं, वे सिर्फ अधिकारियों के साथ बैठक करके फैसला लेते हैं. मंत्री तो इस सरकार में बस जातीय समीकरण साधने के लिए बनाए जाते हैं. उनकी योग्यता से कोई लेना देना नहीं है.
आपदा प्रबंधन मंत्री लक्षमेश्वर राय से जब उनके गायब रहने और विपक्ष के आरोपों पर जवाब मांगा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘विपक्ष का यही काम है. हम इसका नोटिस नहीं लेते हैं. बिहार सरकार और खुद मुख्यमंत्री इस कोरोना आपदा को लेकर गंभीर हैं और सम्बंधित अधिकारियों को इस मामले में लगातार निर्देशित कर रहे हैं. हालांकि ये सच है कि इस आपदा में आपदा प्रबंधन मंत्री की कोई भूमिका नहीं है. सारा काम खुद मुख्यमंत्री और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रतय्य अमृत संभल रहे हैं.
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