नीतीश कुमार को विपक्ष की दरकार नहीं, BJP घेराबंदी के लिए काफी है.
सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में जब भी कोई आपदा आती है नीतीश सरकार सबके निशाने पर आ जाती है.पिछले दो साल से नीतीश सरकार लगातार आपदाओं का सामना कर रही है.मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार ने तो फिर राजधानी पटना शहर में दस दिनों तक जल जमाव की वजह से सरकार की जमकर किरकिरी हुई.अब जब चुनाव सर पर है ,कोरोना के संकट ने सरकार की नींद उड़ा दी है.विपक्ष हर आपदा की घड़ी में सरकार का सिस्टम फेल हो जाने का आरोप तो लगा ही रहा है साथ ही सहयोगी दल बीजेपी के नेता भी सरकार के कामकाज को लेकर लगातार सवाल उठाते रहे हैं.
बीजेपी के नेता तो हमेशा नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले ही रहते हैं लेकिन अब तो बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल भी विपक्ष की तरह सरकार की हर कमी खामी को उजागर कर रहे हैं. अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के साथ ही वो सरकार के हर मोर्चे पर फेल होजाने का आरोप लगाते रहते हैं. संजय जायसवाल फ्रंट-फूट पर आकर अपनी हीं सरकार के नकारा सिस्टम को लेकर एकबार फिर से सवाल उठाए हैं.
कोरोना संकट के दौरान केंद्र सरकार ने जब स्पेशल ट्रेने चलाने की इजाजत दी तो बिहार के लाखो लोग अचानक सवाल करने लगे कि वे लोग लौटेंगे कैसे? लेकिन सरकार ने ऐसा कोई सिस्टम डेवलप नहीं किया था जहां लोग फोन कर सके या फिर किसी साइट से जानकारी ले सके।48 घंटे तक लोग परेशान रहे.नीतीश सरकार की जमकर खरी-खोटी सुनाते रहे.एक बार फिर से पूरे देश में बिहार सरकार की लापरवाही की खबर पहुंच गई.
एक बार फिर से सरकार के पिछल्लगू बनने की बजाए प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल सामने आए और कहा है कि अधिकारियों की लापरवाही से पूरा असमंजय हो गया है.उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है कि बिहार सरकार में एक दिक्कत तो है ही कि कोई पदाधिकारी मीडिया के सामने आकर यह स्पष्ट नहीं करता कि किस जोन में कौन सी दुकानें खुलेंगी या जो ट्रेन बिहार आ रही है उनके लिए संबंधित राज्यों में ही रजिस्ट्रेशन कराना है, न कि बिहार के अफसरों को फोन करना है. सोशल मीडिया में जिस व्यक्ति को जो समझ में आता है वैसा लिख देता है और बहुत असमंजस की स्थिति नागरिकों में हो जाती है. उत्तर प्रदेश को ही देखें तो वहां के मुख्य सचिव आकर सभी बातों को मीडिया के सामने अच्छे से रखते हैं. इस विषय पर भी कल मैं सरकार से बात करूंगा.
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