जुलाई के अंत में एक बार फिर से होगी चंद्रयान-2 को लॉन्च करने की कोशिश!
सिटी पोस्ट लाइव : जुलाई माह के अंत में चंद्रयान-2 को लॉन्च करने का दूसरा प्रयास हो सकता है। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। 15 जुलाई को चंद्रयान-2 को लॉन्च किया जाना था लेकिन इसमें आई तकनीकी खामी की वजह से लॉन्च को आखिरी मौके पर टालना पड़ गया। इसरो में इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रख रहे लोगों की मानें तो इसमें आए टेक्निकल इश्यू को लॉन्च व्हीकल को डि-एसेंबल किए बिना ठीक किया जा सकता है।
इसरो में अपनी सेवाएं दे चुके एक वैज्ञानिक ने नाम न बताने की शर्त पर बताया लॉन्च व्हीकल से फ्यूल निकाला जा चुका है। प्रॉपेलेंट में हीलियम लीक की वजह से लॉन्च को टालना पड़ गया था। निप्पल ज्वॉइन्ट वॉल्व में खराबी थी और इसे लॉन्च पैड पर ही ठीक किया जा सकता है। इन वैज्ञानिक की मानें तो इसके लिए लॉन्च व्हीकल को डि-एसेंबल करने की कोई जरूरत नहीं है। क्राइयोजेनिक इंजन में हीलियम का प्रयोग होता है। हीलियम सिर्फ अकेली ऐसी गैस है जिसका प्रयोग इंजन में हो सकता है क्योंकि इसका सामान्य ब्वॉयलिंग प्वाइंट हाइड्रोजन से कम होता है।
दूसरी गैस के फ्रीज होने का खतरा रहा है। साल 2016 में हीलियम सिस्टम में इसी तरह की समस्या आई थी जिसके बाद स्पेस एक्स का फाल्कन स्पेसक्राफ्ट ब्लास्ट में पूरी तरह से तबाह हो गया था। साल 2014 में भी इसी तरह की टेक्निकल समस्या की वजह से मिशन को रोकना पड़ गया था। बताया जा रहा है कि इस खामी का पता लगने से इसरो के 978 करोड़ रुपए बच गए। जीएसएलवी मार्क III रॉकेट के हीलियम फ्यूल कंपानेंट में लीक पाया गया था। अपना नाम न बताने की शर्त पर साइंटिस्ट ने बताया कि हीलियम भरने के बाद प्रेशर गिरने लगा और हमें इस बात की इशारा मिला कि शायद लीक हो रहा है।
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