सिटी पोस्ट लाइव, गोवा : विद्याधिराज सभागृह में आयोजित सप्तम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में तीसरे दिन के सत्र में वर्ष 2019 में होनेवाले लोकसभा चुनावों सम्बन्धी हिन्दुत्वनिष्ठों की भूमिका पर जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने कहा कि वर्ष 2019 के चुनाव समीप है, इस समय हिन्दुत्वनिष्ठ कौनसी भूमिका लेंगे, पुनः भाजप के हाथों सत्ता देंगे क्या, ऐसा प्रश्न किया जा रहा है; किंतु चुनावों से लोकतंत्र के केवल एक राजनीतिक व्यवस्था में परिवर्तन होता है, शेष सभी व्यवस्थाएं सेक्युलर ही रहती हैं। परिणामस्वरूप, देश में आज हिन्दू बहुसंख्यकों की उपेक्षा कर संगठित अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण पर आधारित राजकारण चल रहा है, इसलिए किसी भी सरकार के पास अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण के अतिरिक्त दूसरा विकल्प नहीं है।
इसलिए बहुसंख्य हिन्दुआें को अभी से संगठित होकर हिन्दुआें के दबाव, नियंत्रण की राजनीति करना आवश्यक है। वर्ष 2014 के चुनाव में दिए आश्वासनों का हिन्दुआें को गृहीत पकडनेवाली भाजप सरकार को विस्मरण हो गया है; इसलिए हिन्दुत्वनिष्ठों ने अभी से अपनी मांगें निश्चित कर उन्हें राजनीतिक दलों के सामने रखनी चाहिए। उनकी पूर्तता कब तक करेंगें, पूछना होगा। आज विकास के नाम पर राजनीति चल रही है; किंतु विकास हिन्दुत्व के लिए विकल्प न होकर, हमें हिन्दुत्वसहित विकास अपेक्षित है। आज हिन्दुत्वनिष्ठों की सत्ता होते हुए भी अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर, कश्मीर में हिन्दुआें का पुनर्वास स्वप्न ही रह गए हैं। खरा विकास सत्ता का उपभोग करनेवालों का हो रहा है । इसलिए अब हिन्दुत्वनिष्ठ दलों को अपनी हिन्दू राष्ट्रसम्बन्धी भूमिका स्पष्ट करने की आवश्यकता है । हिन्दुआें का वास्तविक हितरक्षण हिन्दू राष्ट्र प्रस्थापित करने पर ही होगा। अतः आगामी काल में होनेवाले चुनावों में जो हिन्दू राष्ट्र का कार्य करेगा, वही देश पर राज करेगा, यह हिंदुत्वनिष्ठों की मांग रहेगी।
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