बिहार की बेटी मोना दास बनी USA में सीनेटर, शपथ के दौरान लगाया जय हिंद का नारा
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के मुंगेर जिले की की एक बेटी ने मोना दास ने अमेरिका में अपना परचम लहराया है. अमेरिका के वाशिंगटन राज्य में डेमोक्रेटिक पार्टी की सिनेटर बन गईं है यह बिहारी बेटी मोना दास. खास बात यह कि उन्होंने गीता हाथ में रखकर पद की शपथ ली तथा ‘जय हिंद’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे भी लगाए. इतना ही नहीं, उन्होंने महात्मा गांधी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ की. उन्होंने न केवल शपथग्रहण के लिए मकर संक्रांति का दिन चुना, बल्कि हिंदी में ‘नमस्कार’ व ‘प्रणाम’ कहते हुए मकर संक्रांति की शुभकामनाएं भी दीं.
शपथ ग्रहण के दौरान अमेरिकी सीनेट में अपने संबोधन के दौरान मोना दास ने बेटियों की शिक्षा का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा एक लड़की को शिक्षित करने से पूरा परिवार तथा आने वाली पीढ़ियों को भी शिक्षित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सिनेटर के रूप में वे लड़कियों को आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाएंगी. मोना को सीनेट हाउसिंग स्टेबिलिटी एंड अफोर्डेबिलिटी कमेटी की वाइस चेयरमैन का कार्यभार दिया जाएगा.
मुंगेर जिले के दरियापुर गांव को अपनी इस बेटी पर नाज है. वे मुंगेर के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. गिरिश्वर नारायण दास की पौत्री और अमेरिका के कैलिफोर्निया में इंजीनियर सुबोध दास की बेटी हैं. गांव के संजय यादव सहित कई अन्य कहते हैं कि मोना ने पूरी दुनिया में अपने जन्मस्थान दरियापुर गांव का नाम रोशन कर दिया है.गांव में मोना दास के चचेरे दादा अशोक मोदी, अरुण कुमार मोदी, चचेरी दादी चमेली देवी, चाचा पप्पू चौरसिया, गोपाल चौरसिया, कन्हैया चौरसिया व मुकेश चौरसिया आदि भी मोना की उपलब्धि से गदगद् हैं. पंचायत की मुखिया रेनू देवी, मुखिया प्रतिनिधि रामविलास यादव आदि ने कहा कि अब बिटिया एक बार गांव आए जाए, यही तमन्ना है.
मुंगेर के दरियापुर गांव में रह रहे मोना के चचेरे दादा ने बताया कि मोना के पिता सुबोध दास व सगे चाचा अजय दास अमेरिका में इंजीनियर हैं. एक और चाचा विजय दास वहीं डॉक्टर हैं. दादी चमेली देवी ने बताया कि मोना का जन्म दरभंगा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (डीएमसीएच) में सन् 1971 में हुआ था. अमेरिका में रह रहे मोना के पिता उनके जन्म पर यहां आए थे. बाद में वे मोना व उसकी मां को साथ लेकर अमेरिका चले गए.
मोना के भाई सोम दास का जन्म अमेरिका में हुआ था. मोना लगभग 12-14 वर्ष की उम्र में दरियापुर गांव आईं थीं. उसके बाद से वे यहां नहीं आ पाईं हैं। मोना एवं उनके छोटे भाई सोम की शादी अमेरिका में हुई है.
बिहार से अमेरिका पहुंची मोना ने अमेरिका के सिनसिनाटी विश्विविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री ली.पिंचोट विवि से प्रबंधन में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की. लेकिन जन सरोकार व जनसेवा में अत्यधिक रुचि रहने के कारण वे प्रबंधन से अधिक राजनीति में आगे बढ़ती चली गईं. राजनीति की राह आसान ताे नहीं रही, लेकिन जनसेवा बल पर जनसमर्थन बढ़ता गया. साथ ही बढ़ता गया हौसला. अब सिनेटर बन गईं हैं.बिहार में इस बेटी की सफलता की कहानी हर किसी की जुबान पर है.
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