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उपराज्यपाल के घर धरना दिए बैठे हैं, दिल्ली के मुख्यमंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री तक

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उपराज्यपाल के घर धरना दिए बैठे हैं, दिल्ली के मुख्यमंत्री से लेकर उपमुख्यमंत्री तक

सिटी पोस्ट लाइव : दिल्ली के नौकरशाहों पर कार्रवाई को लेकर राजनिवास पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों का धरना पिछले 15 घंटे से जारी है। केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और श्रम मंत्री गोपाल राय सोमवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात करने गए थे और अपनी तीन मांगों के स्वीकार करने की मांग को लेकर बाद राजनिवास में ही धरने पर बैठ गए। चारों ने रात राजनिवास के प्रतीक्षालय में ही गुजारी। मुख्यमंत्री का कहना है कि उपराज्यपाल जब तक हड़ताल जैसी स्थिति बनाने वाले नौकरशाहों पर कार्रवाई नहीं करेंगे, वह यहां से नहीं जायेंगे। केजरीवाल ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा “ मेरे प्यारे दिल्लीवासियों, सुप्रभात. संघर्ष जारी है।” एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा “सर यह पढ़िए. आप आईएएस अधिकारियों की हड़ताल का यह कहकर समर्थन कर रहे हैं कि वह काम पर है और हड़ताल पर नहीं है।

वह क्या काम कर रहे हैं. आप उनके आचरण का कैसे बचाव कर सकते हैं।” उपमुख्यमंत्री ने ट्वीटर पर लिखा “ हमारे स्कूलों में रंगाई. पुताई का काम गर्मी की छुटि्टयों में होना था। इस बार आपके आईएसएस अधिकािरयों की हड़ताल के चलते ये काम शुरु ही नहीं हुआ।” दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ करीब चार माह पहले मुख्यमंत्री के सरकारी आवास पर कथित मारपीट को लेकर सरकार और अधिकारियों में तनातनी चल रही हैं। यह मामला न्यायालय में भी चल रहा है। मुख्यमंत्री आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

उनका आरोप है कि उपराज्यपाल इस मामले में सही रवैया नहीं अपना रहे हैं। अधिकारियों के इस कदम की वजह से सरकार का कामकाज बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। दूसरी तरह उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी मंत्रियों के अकारण धरने पर बैठने को गलत बताया है। उपराज्यपाल का कहना है कि दिल्ली सरकार के अधिकारी हड़ताल पर नहीं हैं और वह लगातार अधिकारियों के संपर्क में हैं। सिसोदिया ने कहा कि उपराज्यपाल से हमारे तीन आग्रह हैं.. नौकरशाहों की गैर कानूनी हड़ताल तुरंत खत्म कराएं क्योंकि सर्विस विभाग के मुखिया आप हैं। काम रोकने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लें और राशन की दरवाजे पर डिलीवरी की योजना को मंजूर करें।

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