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बिहार के पर्यटन डिस्प्ले पर नहीं मिला मैय्या सीता के प्रगटस्थली को स्थान

बिहार की भव्य विरासत की जगह सिर्फ चुनिंदा स्थलों को जगह

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के पर्यटन डिस्प्ले पर नहीं मिला मैय्या सीता के प्रगटस्थली को स्थान …इन दिनों दिल्ली के इंडिया गेट के पास राजपथ पर पर्यटन विभाग की ओर से पर्यटन पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्यटन पर्व 27 सितंबर तक चलेगा। पर्यटन विभाग की ओर से इस मेले को देश कि राजधानी समेत सभी राज्यों की राजधानी में लगाया गया है। दिल्ली के राजपथ पर लगे इस मेले में बिहार सरकार ने भी अपने राज्य के पर्यटन को दिखाने कि कोशिश किया है। लेकिन यदि आप बिहार से तो आपको वहां जाने के बाद मायूसी हाथ लगेगी क्योंकि जब आप वहां लगे डिसप्ले को देखेंगे तो साफ दिखाई देगा की स्टॉल पर बिहार की भव्य विरासत की जगह सिर्फ चुनिंदा स्थलों को इसमें जगह दी गई है।Image result for सीता का प्रकट स्थली

गौर करने की बात यह है कि इस डिस्प्ले पर बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट, मुस्लिम धर्मों से जुड़े स्थलों के आलावा सिर्फ बिहार के वैशाली के एतिहासिक स्थल को ही दर्शाया गया है। सवाल यह उठता है कि क्या बिहार में और अन्य पर्यटक स्थल नहीं है? बिहार के अन्य पर्यटक स्थल को स्थान क्यों नहीं दिया गया ?क्या ये बिहार के अन्य हिस्सों के साथ भेदभाव नहीं है। अगर डिस्प्ले पर बौद्ध सर्किट, जैन सर्किट, मुस्लिम धर्मों से जुड़े स्थलों को जगह मिल सकता तो रामायण सर्किट एवं अन्य पर्यटक स्थल को क्यों नहीं ?पर्यटन मेले में आए नार्थ बिहार-मिथिला के लोगों का कहना था कि सरकार हमेशा से मिथिला के साथ भेदभाव करती ये कोई नई घटना नहीं है।

जब इस बावत पत्रकार ने बिहार के पर्यटन मंत्री से फ़ोन के माध्यम से सवाल पूछा तो उनका कहना था की नार्थ बिहार-मिथिला में अब तक कोई पर्यटन स्थल विकसित ही नहीं हुआ है इसलिए डिस्प्ले पर यहां के किसी पर्यटन स्थल को जगह नहीं मिल पाई। हालांकि उन्होंने ये दावा किया की केंद्र के मदद से बिहार में रामायण सर्किट योजना के तहत मिथिला की बेटी मैय्या सीता की प्रगटस्थली को पर्यटन केंद्र जल्द ही स्थापित किया जाएगा। यहां सवाल उठना लाज़मी है कि मोदी सरकार के 4 साल के कार्यकाल को अगर हटा भी दिया जाए तो भी नीतीश सरकार पिछले 10 साल में मिथिला समेत पुरे नार्थ बिहार में पर्यटकों को लाने में क्यों असफल रहें ?

रिपोर्ट: नई दिल्ली,आशुतोष झा

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