सहरसा : बंद पड़े स्वास्थ्य केंद्रों को खुलवाने के लिए एक दिन का हुआ आमरण अनशन
लाखों की लागत से बने आईसीयू भवन और लाखों के जंग खाते उपकरण के लिए उबले लोग
सहरसा : बंद पड़े स्वास्थ्य केंद्रों को खुलवाने के लिए एक दिन का हुआ आमरण अनशन
सिटी पोस्ट लाइव : सहरसा सदर अस्पताल में वर्षों से बंद पड़े आईसीयू सेवा एवं जिले के कई प्रखंडो में वर्षों से बंद परे स्वास्थ्य एवं उप स्वास्थ्य केंद्र को सुचारू रूप से चालू करवाने की माँग को लेकर मंगलवार को स्टेडियम बाहरी परिसर में कोशी युवा संगठन के तत्वावधान और युवा नेता सोहन झा के नेतृत्व में एक दिवसीय भूख हड़ताल किया गया ।अनशन के उपरान्त संगठन के सदस्यों ने जिला पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन को ज्ञापन सौंपकर जिले के स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ करने की मांग की है । कोशी युवा संगठन के संस्थापक सह युवा नेता सोहन झा ने बताया की सहरसा सदर अस्पताल दलालों के चंगुल में पूरी तरह से फँसा हुआ है ।
जिले के निजी अस्पताल को पहुँचाने के लिए सदर अस्पताल को बद से बदतर हालात में पहुँचा दिया है ।सोहन झा ने कहा की सदर अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सक का भी जमीर मर चुका है ।लगभग डॉक्टर अपना-अपना निजी अस्पताल खोल रखे हैं ।अपने निजी अस्पताल को फायदा पहुंचाने के लिए सदर अस्पताल के आईसीयू सेवा को बंद कर मरीजों को निजी अस्पतालों का सहारा लेने के लिए मजबूर किया जाता है ताकि इन मरीजों से मोटी कमाई की जा सके । चिकित्सकों को जिस मरीज की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं लगती है और जो निजी अस्पताल जाने में असमर्थ दिखते हैं,उन्हें दरभंगा,या फिर पटना रेफर कर दिया जाता है ।
सोहन झा ने कहा कि सहरसा जिला के प्रति यहाँ के स्थानीय जनप्रतिनिधि से लेकर बिहार सरकार तक अपना आँख बंद किए हुए है जबकि सहरसा जिला के अधिकतर लोग मेहनत मजदूरी कर के किसी तरह अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं ।ऐसे लोगों के लिए निजी अस्पताल या दरभंगा और पटना जा कर ईलाज कराना संभव नहीं होता है ।ईलाज के अभाव में इस तरह के मरीजों की मौत तक हो जाती है । सोहन झा ने कहा कि कोशी क्षेत्र अति पिछड़े इलाकों में गिना जाता है ।यहाँ कि करीब 70% आबादी गरीबी रेखा से नीचे रहकर जीवन यापन करते हैं ।फिर भी स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मामले में हमारा जिला बेहद पिछड़ा बना हुआ है ।
युवा नेता सोहन झा ने कहा कि एक तरफ सूबे के मुखिया नीतीश कुमार कहते हैं कि हमारा बिहार आगे बढ़ रहा है ।जबकि सहरसा जिला में कुछ वर्ष पहले तक कई पंचायत में स्वास्थ्य एवं उप स्वास्थ्य केंद्र हुआ करता था लेकिन आज वहाँ सिर्फ जर्जर भवन बचा हुआ है ।यहाँ जिले में ना तो सभी स्वास्थ्य केंद्र और ना ही उपस्वास्थ्य केंद्र सुचारू रूप से काम कर रहा है ।उन्होंने कहा कि अस्पताल में संसाधन पर्याप्त है। प्रसव के दौरान नर्सो की मनमानी, ब्लड बैंक में बिचौलियागिरी, सफाई व खाना में कमीशनखोरी अस्पताल में व्याप्त है ।लेकिन अस्पताल के अधिकारियों का ध्यान इस ओर नही जा पा रहा है ।संगठन के संस्थापक युवा नेता सोहन झा ने कहा कि अगर जल्द से जल्द सरकार सहरसा के स्वास्थ्य व्यवस्था को सुदृढ़ नहीं करवाती है,तो हमलोग उग्र आंदोलन करने पर विवश होंगे ।
युवा समाजसेवी रौशन झा ने कहा कि सहरसा जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह बदहाल है ।राज्य सरकार अपने बजट में मात्र 3 फीसदी स्वास्थ्य के ऊपर खर्च कर रही है ।ऐसे में राज्य की स्वास्थ्य सेवा कैसे बेहतर होगी ।सदर अस्पताल सहरसा में आईसीयू होने के बाबजूद मरीजों को उसका लाभ नहीं मिल पाता है ।निर्माण के दिनों से लेकर आजतक,आयुसीयू भवन में ताला लगा हुआ है ।ऐसी स्थिति में मरीज को प्राइवेट नर्सिंग होम का सहारा लेना पड़ता है और वे आर्थिक दोहन के शिकार होते हैं ।अगर एक सप्ताह के भीतर आईसीयू को चालू नहीं किया गया तो सिविल सर्जन सहित तमाम स्वास्थ्य कर्मियों को उनके कार्यालय में ही नजरबंद किया जाएगा ।अनशन में मुख्य रूप से सामिल युवा बिट्टू रॉय,शिवशंकर रॉय, कमाल,आशीष झा,उगन, मनु रॉय,रमेश शर्मा,सागर रॉय, मुकेश झा,ख़ुर्शीद,राघव,हिमांशु’ विकास,बाबू,राजा रौशन झा, पप्पू सहित सैंकड़ों युवा मौजूद थे ।
पीटीएन मीडिया ग्रुप के मैनेजिंग एडिटर मुकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट
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