प्राकृतिक आपदा में मृतकों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बिना भी आश्रितों को मुआवजा : सुनील वर्णवाल
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: प्राकृतिक आपदाओं में किसी व्यक्ति की मृत्यु होने की स्थिति में पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त न होने, एफआईआर दर्ज न हो पाने या मृत व्यक्ति का शव बरामद नहीं होने की स्थिति में भी उनके आश्रितों को राज्य सरकार की ओर से देय अनुदान या मुआवजे का भुगतान किया जायेगा। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल ने सभी जिलों के उपायुक्तों और नोडल पदाधिकारियों को सरकार के इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है। मंगलवार को सूचना भवन स्थित मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में दर्ज मामलों की साप्ताहिक समीक्षा के दौरान वर्णवाल ने यह निर्देश धनबाद से प्राप्त एक शिकायत के आलोक में दिया। शिकायत में यह बताया गया था कि 65 वर्षीय महादेव रजवार की मृत्यु वज्रपात से 28 जुलाई 2016 को हो गई थी, परंतु मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब तक नहीं आने के कारण मुआवजे का भुगतान नहीं किया जा सका है। इसपर श्री वर्णवाल ने कहा कि कैबिनेट के फैसले के अनुसार आपदा की ऐसी विशेष परिस्थितियों में जिसमें किसी कारण पोस्टमार्टम नहीं हो पाता है, तब भी जिम्मेदार पदाधिकारी की जांच रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा देने का प्रावधान है। उन्होंने विभाग को कैबिनेट के इस फैसले का संकल्प की प्रति उपलब्ध कराकर आश्रित को मुआवजा भुगतान कराने का निर्देश दिया। धनबाद जिले के राजगंज प्रखंड में पैक्स की ओर से उपलब्ध कराये गये धान बीज की रोपनी के बाद समय पूर्व बाली निकल आने के चलते 2013-14 में किसानों की फसल बर्बाद हो गयी थी, लेकिन उन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला है। 25 सितम्बर 2018 को आयोजित सीधी बात में उपायुक्त ने बताया था कि जिस कंपनी ने फसल का बीमा किया था, उसपर एफआईआर कर रकम की रिकवरी करायी जायेगी। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील वर्णवाल ने जिला के नोडल अधिकारी को बीमा कंपनी की गारंटी की रकम से रिकवरी कर 15 दिनों के भीतर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग को आवंटन उपलब्ध करने का निर्देश दिया ताकि किसानों की दावा राशि भुगतान सुनिश्चित कराया जा सके। गोड्डा की 15 वर्षीया किशोरी का अपहरण पाकुड़ जिला के लिट्टीपाड़ा थाना अंतर्गत बड़ा सिरसा ग्राम निवासी मेहराज उल अंसारी द्वारा किए जाने की शिकायत पर जिला के नोडल अधिकारी ने जानकारी दी कि मामले में कार्रवाई करते हुए लड़के की मां को ट्रैप कर लिया गया है तथा लड़का-लड़की के लोकेशन को लगातार ट्रेस किया जा रहा है। नोडल अधिकारी ने जल्द ही दोनों को बरामद करने का आश्वासन दिया। पलामू जिले में अप्रैल 2018 को तेतरांई निवासी बिरजू कुमार साव का घर आग लग जाने से राख हो गया था और 15 मवेशियों की मृत्यु हो गयी थी। सरकारी प्रावधान के अनुसार उन्हें मुआवजे का भुगतान नहीं किए जाने की शिकायत जनसंवाद को प्राप्त हुई थी। इसपर जिला के नोडल अधिकारी ने बताया कि पीड़ित को जले हुए घर के एवज में मुआवजे का भुगतान कर दिया गया जबकि मवेशियों की मृत्यु के एवज में मुआवजा भुगतान के लिए आपदा प्रबंधन विभाग से आवंटन की मांग की गयी है। वर्णवाल ने विभाग द्वारा अब तक आवंटन उपलब्ध नहीं कराये जाने पर विभाग के नोडल अधिकारी पर नाराजगी जाहिर की। बोकारो के चंदनकियारी प्रखण्ड अंतर्गत सहरजोरी पंचायत की बरकोमा गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का पिछले 8 वर्षों से संचालन नहीं किए जाने की शिकायत की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने जिला के नोडल अधिकारी को निर्देश दिया कि इसकी जांच करें और अगर आंगनबाड़ी केंद्र बंद पाया जाता है तो सेविका को बर्खास्त कर नयी सेविका का चयन करें। सिमडेगा के रोहित कुमार ने जिला कल्याण कार्यालय, सिमडेगा में जून 2016 से अप्रैल 2017 तक ऑपरेटर का कार्य किया था, जिसके एवज में बकाया मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। इस मामले में श्री वर्णवाल ने विभाग के अधिकारी को अगले मंगलवार तक लंबित मानदेय का भुगतान सुनिश्चित कराने का आदेश दिया। कोडरमा जिले के सतगांवा, मरकच्चो, जयनगर, कोडरमा प्रखण्ड अंतर्गत संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में कुल 8 महिला गृहरक्षकों के लंबित मानदेय के भुगतान के संबंध में जिला के नोडल अधिकारी ने एक सप्ताह में भुगतान कराने का आश्वासन दिया। लोहरदगा के सेन्हा प्रखण्ड अंतर्गत बाल्दा पंचायत में उप-मुखिया पद के लिए 13 जनवरी 2016 को कराये गए चुनाव में अंचल अधिकारी द्वारा अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाया था। उपायुक्त, लोहरदगा के स्तर पर जांच में आरोप की पुष्टि के बावजूद न तो दोषी अंचल अधिकारी के विरुद्ध कोई कार्रवाई हुई और ना ही दोबारा चुनाव कराया गया। इस शिकायत पर जिला के नोडल अधिकारी ने भी अनियमितता की बात स्वीकार की तथा बताया कि चुनाव पुनः कराया जाना है। इसपर श्री वर्णवाल ने नोडल अधिकारी को आरोपी अंचल अधिकारी के खिलाफ आरोप पत्र भेजकर विभागीय कार्रवाई का आदेश दिया। पूर्वी-सिंहभूम में स्वच्छ भारत अभियान के तहत दक्षिणी करनडीह गांव के लाईन टोला, धर्म टोला, बोदरा टोला, झारखंड बस्ती सहित अन्य टोले में कुल 453 शौचालयों का निर्माण किया जाना था, परंतु मुखिया ने सभी शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा कराये बिना ही पूरी राशिअवैध रूप से निकासी कर ली थी। इस मामले में संबन्धित पदाधिकारी ने बताया कि दोषी मुखिया के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज की गयी है परंतु मुखिया को उच्च न्यायालय से स्टे-ऑर्डर मिल जाने के कारण गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। इसपर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव ने विभाग को एफ़आईआर के मामले में आगे की कार्रवाई करने के साथ साथ अवैध निकासी की रिकवरी के लिए विभागीय प्रक्रिया सुनिश्चित करने तथा शेष बचे हुए शौचालयों के निर्माण कराने का निर्देश दिया। दुमका के उत्क्रमित उच्च विद्यालय, डांरो परिसर के बाहर स्थित सरकारी चापाकल आयरन युक्त पानी निकालने की शिकायत पर सरकार के प्रधान सचिव ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के एक्जिक्यूटिव इंजीनियर को एक सप्ताह के भीतर पानी के सैंपल की जांच कर समस्या के निवारण करने का आदेश दिया।
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