#MeToo के चक्कर में बुरे फंसे अकबर, रमानी के समर्थन में आईं 20 महिला पत्रकार
सिटी पोस्ट लाइव : केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर के एक महिला पत्रकार के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराने के एक दिन बाद दो और महिलाओं ने उनपर (मंत्री पर) यौन उत्पीडनके आरोप लगाए। वहीं की लहर देश में मंगलवार को भी जारी रही और बॉलीवुड से जुड़े कई बड़े नाम इसके निशाने पर आए। उधर ‘द एशियन एज’ अखबार में काम कर चुकीं 20 महिला पत्रकार अपनी सहकर्मी प्रिया रमानी के समर्थन में गवाही देंंगी। रमानी ने केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर पर यौन उत्पीडन का आरोप लगाया है। इन महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान में रमानी का समर्थन करते हुए अदालत से आग्रह किया कि अकबर के खिलाफ उन्हें सुना जाए। करीब 16 महिलाओं द्वारा यौन उत्पीडनके आरोप लगने के बाद भी विदेश राज्य मंत्री ने अन्य मंत्रियों की तरह अपना कामकाज जारी रखा। वहीं निशाने पर आए लोगों की सूची में जतिन दास का नाम भी शामिल हो गया।
पद्म भूषण से सम्मानित दास पर उद्यमी निशा बोरा ने वर्ष 2004 में गलत तरीके से छूने और जबरन चूमने का आरोप लगाया है। ‘मैं स्तब्ध हूं,मैं उन्हें नहीं जानता, मैं उनसे कभी नहीं मिला और अगर मैं कभी कहीं किसी से मिलता भी तो कभी ऐसा व्यवहार नहीं करता..यह घिनौना है। मंगलवार को यौन उत्पीडनके आरोपों में घिरे हिंदी फिल्म जगत के दो वरिष्ठ अधिकारियों को अपने पद से हाथ धोना पड़ा। यौन उत्पीडन के आरोपों में घिरे अकबर मंगलवार को भी निशाने पर बने रहे। पत्रकार तुषिता पटेल ने आरोप लगाया कि 1990 की शुरुआत में कुछ काम के बहाने अकबर ने उन्हें कमरे में बुलाया और जब दरवाजा खोला तो वह केवल अंदरूनी वस्त्र पहने थे।
जब वह (तुषिता) 22 वर्ष की थीं और ‘द टेलीग्राफ’ में बतौर प्रशिक्षु काम कर रहीं थीं। तुषिता ने अकबर पर उनके साथ दो बार बदसलूकी करने का आरोप लगाया है। दूसरी घटना तब हुई, जब वह हैदराबाद में ‘डेक्कन क्रॉनिकल’ में काम करती थीं। ‘द किविंट’ के लिए लिखने वाली उद्यमी स्वाती गौतम ने आरोप लगाया है कि जब वह छात्रा थीं तब कोलकाता में अकबर से उनके (अकबर के) कमरे में मिले थे और उन्होंने केवल बाथरोब पहन रखा था। वह अकबर को सेंट जेवियर्स कॉलेज के एक सामरोह के लिए आमंत्रित (बतौर अतिथि वक्ता) करने गईं थीं।
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