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बिहार के DGP को छात्रों ने बताया टॉप क्लास का MOTIVATIONAL GURU

11वीं में फेल हो गए थे बिहार के DGP गुप्तेश्वर पांडेय, 6वीं तक नहीं था अंग्रेजी का ज्ञान.

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बिहार के DGP को छात्रों ने बताया टॉप क्लास का MOTIVATIONAL GURU

सिटी पोस्ट लाइव : 10 वीं और 12 वीं की कक्षा में फेल हो जानेवाले बिहारी छात्र भी IAS-IPS बनने का सपना अब देखने लगे हैं. उन्हें भी अब लगाने लगा है कि वो भी क्लास वन अधिकारी बन सकते हैं. दरअसल, बच्चों में ये आत्म-विश्वास बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय की वजह से आया है. गुरुवार को गुप्तेश्वर पाण्डेय का पहनावा तो एक पुलिस वाले का था लेकिन भूमिका गुरु जी की. एक ऐसे गुरु जी की थी जो 10 वीं कक्षा में फेल होनेवाले छात्रों को भी IAS-IPS बनने के लिए मोटीवेट कर सकता है.

दरअसल, बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय (DGP Gupteshwar Pandey) ने अपने जीवन को लेकर एक ऐसी जानकारी दी जिसे सुनकर कार्यक्रम में मौजूद उनके अधिकारी और कर्मचारी भौंचक रह गए. लेकिन वो बात छात्रों के दिल को छू गई. पूरा हॉल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा. डीजीपी ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘मैं 11वीं में तो फेल हो गया था, लेकिन उसके बाद भी डीजीपी बन गया.’ दरअसल, उनका मकसद ऐसे छात्रों का हौसला बढ़ाना था जिन्हें लगता है कि वो पढ़ाई में कमजोर हैं और IPS या फिर IAS बनने का सपना नहीं देख सकते.

डीजीपी की बातों से छात्र इस कदर प्रभावित हो गए कि सभा में ही उन्होंने गुप्तेश्वर पाण्डेय जैसा बनने का संकल्प ले लिया. जो 11 वीं की परीक्षा में फेल होने के बाद भी IPS बनने में कामयाब हो गए. पटना स्थित पुलिस मुख्य़ालय़ ऑडिटोरियम में बुधवार को छात्रों के लिए खास तौर से क्लास का आयोजन किया गया था. छात्रों को गुरु मंत्र देने खुद प्रदेश के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय पहुंचे थे. शिक्षक बने डीजीपी साहब ने भले ही खाकी वर्दी पहन रखी थी, लेकिन उनकी भूमिका केवल और केवल गुरु खासतौर पर एक सफल MOTIVATIONAL GURU के रूप में दिखी.

गुरु मंत्र देने वाले डीजीपी ने साफगोई के साथ जब सच्चाई बयां करना शुरू किया तो हॉल में बैठे सैकड़ों छात्र ने तालियां बजाकर उनका स्‍वागत किया. डीजीपी ने अपने जीवन की सबसे बड़ी सच्चाई का खुलासा करते हुए बताया कि वे औसत से भी नीचे के छात्र थे. ग्यारहवीं में फेल हो गए थे. डीजीपी ने कहा कि मेरे फेल होने का कारण था फिजिक्स, कैमिस्ट्री जैसे विषयों में कम जानकारी. गुप्तेश्वर पांडेय ने यह भी खुलासा किया कि छठी कक्षा तक उन्हें अग्रेजी के लेटर तक का ज्ञान नहीं था.

दरअसल, डीजीपी गुप्‍तेश्‍वर पांडेय का मकसद छात्रों को मोटीवेट करना था.वो छात्रों को इस बात का अहसास दिलाना चाहते थे कि उनमे से कोई भी IAS और IPS अधिकारी बन सकता है. जरुरत है तो केवल संकल्प लेने की और उसके लिए दिल लगाकर पढ़ाई करने की. डीजीपी के गुरुमंत्र से वहां मौजूद 500 से अधिक छात्र-छात्राएं इस कदर प्रभावित हुए कि हर छात्र ने गुप्तेश्वर पांडेय बनने का संकल्प ले लिया. रचना, रिया सिंह, प्रिया जैसी छात्राएं हों या रजनीश और अमरीश कुमार जैसे सैकड़ों छात्र डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय से पूरी तरह प्रभावित दिखे.

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