महाशिवरात्रि पर बोलबम के नारों से गूंजी बाबानगरी, द्वादश ज्योतिर्लिंग पर दो लाख से अधिक भक्तों ने किया जलाभिषेक
महाशिवरात्रि पर बोलबम के नारों से गूंजी बाबानगरी, द्वादश ज्योतिर्लिंग पर दो लाख से अधिक भक्तों ने किया जलाभिषेक
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: महाशिवरात्रि के अवसर पर सोमवार को बाबा वैद्यनाथ की नगरी देवघर बोलबम-बोलबम, हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा। दो लाख से अधिक लोगों ने द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा वैद्यनाथ पर जलाभिषेक किया। बाबा मंदिर से शुरू हुई लाइन शाम चार बजे तक 12 किलोमीटर दूर बीएड कॉलेज तक पहुंच गई। शीघ्रदर्शनम की सुविधा के तहत 500 रुपये की रसीद लेकर लाइन में लगे बिनाभगवान भोलेनाथ को जलार्पण करने की व्यवस्था है, लेकिन आज शीघ्रदर्शनम में भी लंबी लाइन रही। टिकट कटाने के बावजूद लोगों को घंटों लाइन में खड़ा होना पड़ा। आज रातभर बाबा का गर्भगृह खुला रहेगा। पट बंंद नहीं किये जायेंगे। बाबा मंदिर के पुजारी पंडित शांतिराम तिवारी के पौत्र पंडित उदय राम तिवारी ने बताया कि आज प्रातः तीन बजकर पांच मिनट पर बाबा मंदिर का पट खुला। पंडा परिवारों की कांचा जल और सरकारी पूजा के बाद गर्भगृह के पट खोल दिये गये। भोले के भक्तों ने कामनालिंग पर जलाभिषेक शुरू किया। भक्त रात नौ बजे तक जलार्पण कर सकेंगे तथा रात्रि में शिव-पार्वती का विवाह संपन्न होने के बाद भी लोग जलाभिषेक करेंगे। बाबा मंदिर प्रभारी अंजनी कुमार दूबे ने बताया कि दिनभर बाबा मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। भक्तों की कतार मंदिर परिसर से बाहर निकल कर बीएड कॉलेज तक पहुंच गई। भक्तों को कतारबद्ध कर मानसरोवर फुट ओवरब्रिज से मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कराया जा रहा है। इस दौरान बोलबम-बोलबम, हर-हर महादेव से मंदिर सहित आसपास का क्षेत्र गूंज रहा है। देर रात तक ढाई लाख लोगों के जलाभिषेक करने की संभावना है। पुजारी उदयराम तिवारी ने बताया कि शाम 7.30 बजे बाबा भोलेनाथ की भव्य बारात निकलेगी। इसमें तीन लाख से अधिक लोग शामिल होंगे। शहर में करीब सात किलोमीटर की दूरी तय कर शिव बारात बाबा मंदिर पहुंचेगी। यहां रात 10 बजे के बाद बाबा बैद्यनाथ की चतुष्प्रहर पूजा की जायेगी और बाबा का विवाह संपन्न कराया जायेगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गयी है। शिव बारात की तैयारी में शहर सजकर तैयार है। बारात में देवी-देवताओं के साथ भूत-पिशाच की टोली, राक्षस आदि की झांकी के साथ हाथी, घोड़े और ऊंट भी शामिल होंगे। इससे पहले रविवार को पंचशूल की विशेष पूजा सरदार पंडा श्रीश्री गुलाबानंद ओझा ने तांत्रिक विधि से की। इसके बाद मंदिर के शिखर पर परंपरागत तरीके से पंचशूल चढ़ाया गया। इसके साथ ही भक्तों ने बाबा-पार्वती का गठबंधन किया।
रात 10 बजे से तीन बजे तक होगी पूजा
महाशिवरात्रि पर बाबा मंदिर का गर्भगृह रातभर खुला रहेगा। पट बंद नहीं किये जायेंगे। पूजा रात्रि 10 बजे शुरू होकर देर रात तक चलेगी। षोडषोपचार विधि से बाबा की पूजा की जायेगी। बाबा का प्रिय भोग दूध और भांग चढ़ाये जायेंगे। इसके साथ ही उन्हें इत्र, वस्त्र और दूल्हे की माला पहनाई जाएगी। चतुष्प्रहार पूजा में सरदार पंडा गंगाजल, विल्वपत्र, भांग-धतूरा, डाभ, दूध, घी, मधु, दही, फल मूल, आंवला, बेरा, हेरला, जनेऊ, अरवा चावल, अबीर-गुलाल, सिंदूर, फलाहरी, मिठाई, मेवा, चंदन, धूप-दीप आदि से पूजा करेंगे।
पंडित झलक श्रृंगारी (झलक बाबा) ने बताया कि देवघर में एक तरफ जहां महाशिवरात्रि की धूम है वहीं, दूसरी तरफ शिव बारात को लेकर जबरदस्त उत्साह है। देवघर परंपराओं का है। यहां के रीति-रिवाज भी अलौकिक हैं। उन्होंने बताया कि मोर मुकुट सुबह ही बाबा के पंचशूल पर भंडारी ने चढ़ा दिया है। आरती के साथ बाबा की पूजा का समापन होगा। मां पार्वती का भी भव्य श्रृंगार किया जायेगा। उन्हें साड़ी, सिंदूर, चूड़ी आदि अर्पित किये जायेंगे। मां पार्वती को रातभर सिंदूर चढ़ेगा। लक्ष्मी माली रात 10 बजे से देर रात 3 बजे तक मां पार्वती पर सिंदूर चढ़ाते रहेंगे। बाबा नर्वदेश्वर की एक प्रहर पूजा की जायेगी।
महाशिवरात्रि को नहीं होती है बाबा वैद्यनाथ की श्रृंगार पूजा
रात्रि 10 बजे से पहले चतुष्प्रहर पूजा को लेकर मंदिर के गर्भगृह की सफाई की जायेगी। इसके बाद बाद बाबा और मां पार्वती का विवाह संपन्न होता है। महाशिवरात्रि पर श्रृंगार पूजा नहीं होती है इसलिए इसके बदले सावन पूर्णिमा के दिन दो पुष्प मुकुट तैयार किये जाते हैं। एक बाबा वैद्यनाथ को अर्पित किया जाता है और दूसरा बाबा बासुकीनाथ को अर्पित होता है। बाबा के पुष्प मुकुट देवघर जेल के कैदियों द्वारा तैयार करने की परंपरा है। इस मुकुट को पुलिस एस्कॉर्ट में देवघर से बासुकीनाथ मंदिर तक ले जाया जाता है।
भक्तों ने लगाये पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे
महाशिवरात्रि पर विश्वप्रसिद्ध बाबाधाम में भोलेनाथ को जलार्पण करने और उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त करने भक्तों ने बोलबम-बोलबम और हर-हर महादेव के जयघोष के बीच पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। शिवभक्तों की मानें तो उन्होंने मनोकामना लिंग पर जलार्पण के साथ ही सीमा पर तैनात जवानों की सलामती और पाकिस्तान द्वारा की गई नापाक हरकत पर सजा देने की मन्नत भी मांगी।
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