सिटी पोस्ट लाइव: पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने आज गांधी सेतु का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने निर्माणाधीन सुपरस्ट्रक्चर के कार्य प्रगति को लेकर निरीक्षण किया. वहीं, इस दौरान पथ निर्माण विभाग और एनएचएआई के अधिकारी भी मंत्री के साथ मौजूद थे. बता दें कि, गांधी सेतु पर बन रहे सुपरस्ट्रक्चर के पूर्वी लेन को लेकर कार्य चल रहा है. वहीं, यह निर्माण कार्य वित्तीय वर्ष 2021-22 तक पूरा होना है. इस दौरान नितिन नवीन मीडिया से मुखातिब हुए और उन्होंने कई मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
सियासत में इन दिनों जनसंख्या नियंत्रण को लेकर काफी चर्चाएं हो रही है. इसे लेकर उन्होंने कहा कि, जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए कानून के साथ जागरूकता भी जरूरी है. सिर्फ जागरूकता करने से जनसंख्या नियंत्रण करना संभव है. जनसंख्या नियंत्रण करने के लिए जागरूक के साथ कानून का बंधन भी लोगों के लिए जरूरी है. भारत में सीमित संसाधन हैं जिसके कारण सभी लोगों को इसके लिए जनसंख्या नियंत्रण करना बेहद जरूरी है. जनसंख्या कानून को लागू करने का अब समय आ चुका है. आने वाली पीढ़ियों को बेहतर भारत मिले इसका अभी फैसला होना चाहिए.जनसंख्या कानून के लागू होने से इसका समुचित समाधान होगा.
साथ ही नितिन नवीन ने महंगाई के विषय पर राजद के बिहार में आंदोलन पर कहा कि, तेजस्वी यादव जब सपने से जागते हैं तब कुछ करने को लेकर सोचते हैं. कोविड- वैक्सीन मुफ्त करने पर सरकार को बधाई नहीं दी. विपक्ष द्वारा महंगाई का आरोप केंद्र सरकार पर लगाना गलत है. पहले की सरकारों ने देश की स्वास्थ्य व्यवस्था खासकर बिहार का बदहाल कर दिया था. देश की सरकार ने कम संसाधनों में कोरोना से लड़ाई लड़ी है. केंद्र सरकार टैक्स के माध्यम से लोगों से पैसा ले रही है उस टैक्स के पैसे का पूरा हिसाब केंद्र सरकार लोगों को दे भी रही है और जो पैसे खर्च हो रहे हैं जनता के हित में टैक्स के पैसे खर्च हो रहे हैं. साथ ही कहा कि, राजद के विरोध कार्यक्रम में उनके कार्यकर्ता भी शामिल नहीं होंगे जनता दूर की बात है.
इस दौरान तेजस्वी यादव द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखे जाने को लेकर कहा कि, गुंडागर्दी करने वाले विधायकों को सदन में आने से डर लग रहा है. विपक्षी विधायकों ने विधानसभा में गंदा खेल खेलते हुए तांडव किया था. इसके लिए तेजस्वी यादव सार्वजनिक रूप से विधानसभा अध्यक्ष से माफी मांगे. कहा कि, विधानसभा अध्यक्ष बड़े दिल के हैं और वह माफी जरूर देंगे. सदन में नियम और दायरों में रहकर मुद्दे पर बहस करना चाहिए. विषय और मुद्दों पर चर्चा के समय नेता प्रतिपक्ष गायब हो जाते हैं और सिर्फ काम हंगामा करना होता है. हंगामा करने पर कानून अपना काम करेगी. वहीं उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम के लिए तेजस्वी को मांफी मांगने की मांग की है.
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