दिल्ली-झारखंड के चुनाव को लेकर फिर से JDU, BJP में घमासान
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में बीजेपी-जेडीयू का गठबंधन टेस्टेड है. 2005 से गठबंधन बना है और हमेशा चुनाव में करिश्माई नतीजा देता रहा है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी-जेडीयू गठबंधन ने 40 में 39 सीटें जीत कर एक विपक्ष का सूपड़ा साफ़ कर दिया. लेकिन इस जीत से बढ़ा बीजेपी और जेडीयू का आत्म-विश्वास ही दोनों के रिश्ते के बीच कडवाहट पैदा करने लगा है.दोनों दलों के कुछ नेता एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने का कोई मौका नहीं छोड़ते. दशहरे के मौके पर तो बीजेपी कोटे के मंत्रियों तक ने एक कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार का बायकाट तक कर दिया. हालांकि बाद में बाढ़ का बहाना बनाकर मामले को रफा दफा कर दिया गया.बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उप-चुनाव से दो दिन पूर्व साफ कर दिया कि बिहार में विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. यानि बिहार में बीजेपी-जेडीयू गठबंधन आगे भी जारी रहेगा.
लेकिन एकबार फिर से दिल्ली और झारखंड में होने वाले चुनाव में दोनों पार्टियां एक बार फिर आमने-सामने हैं.दिल्ली जेडीयू के प्रभारी तथा बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बीजेपी पर पूर्वांचल और बिहार के लोगों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. बीजेपी के दिल्ली अध्यक्ष मनोज तिवारी पर हमला बोलते हुए जेडीयू नेता ने कहा भले ही बीजेपी ने मनोज तिवार को पद दे दिया लेकिन उन्होंने पूर्वांचल के लोगों के लिए कुछ नहीं किया. दरअसल, जेडीयू दिल्ली की उन 25-30 सीटों पर नजर लगाए हुए है, जहां पूर्वांचल और बिहार के रहने वाले मतदातओं की संख्या अच्छी खासी हैं.झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर भी जेडीयू नेता लगातार बीजेपी सरकार पर निशाना साध रहे हैं. पार्टी अपनी बैठकों में कभी झारखंड में शराबबंदी को मुद्दा बनाती है तो कभी प्रदेश भर में फैले भ्रष्टाचार पर जेडीयू के नेता सीधे मुख्यमंत्री पर हमला बोल देते हैं.
जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार के सबसे करीबी समझे जाने वाले पार्टी महासचिव आरसीपी सिंह का कहना है कि झारखंड में सबसे लंबे समय तक बीजेपी की सरकार रही है. झारखंड में बिजली, पानी, सड़क, रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं चौपट हैं. यहां की जनता विकल्प की तलाश में है और हम उनके लिए विकल्प के रूप में यहां आए हैं. जाहिर है दिल्ली और झारखंड दोनों राज्यों में बिहार में सहयोगी जेडीयू लगातार बीजेपी पर हमले कर रही है लेकिन बीजेपी नेता चुप्पी साधे हुए हैं. बीजेपी के सूत्रों के अनुसार पार्टी जेडीयू के बयानों को नजर-अंदाज कर ये जाताना चाहती है कि यहाँ जेडीयू का कोई मतलब नहीं है.बीजेपी यह मानकर चल रही है कि दिल्ली और झारखण्ड में जेडीयू के चुनाव लड़ने से बीजेपी की सेहत पर कोई ख़ास असर पड़ने वाला नहीं है.
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