मोहन भागवत ने नागरिकता संशोधन कानून पर कहा-भारत में पैदा हुआ हर एक व्यक्ति हिंदू
सिटी पोस्ट लाइव : देशभर में नागरिकता संशोधन कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर बवाल जारी है. विपक्ष इसको लेकर लगातार आवाज उठा रहा है तो वहीं सरकार की पूरी कोशिश है कि लोग अफवाह और भ्रम से दूर रहे. इन सब के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. आरएसएस प्रमुख ने बुधवार को कहा कि संघ भारत की 130 करोड़ आबादी को हिंदू समाज के रूप में मानता है, चाहे उनका धर्म और संस्कृति कुछ भी हो.
भागवत ने कहा कि धर्म और संस्कृति से परे देखते हुए, जो लोग राष्ट्रवादी भावना रखते हैं और भारत की संस्कृति तथा उसकी विरासत का सम्मान करते हैं, वे हिंदू हैं और आरएसएस देश के 130 करोड़ लोगों को हिंदू मानता है. उन्होंने कहा कि संपूर्ण समाज हमारा है और संघ का उद्देश्य संगठित समाज का निर्माण करना है. भागवत ने कहा, “भारत माता का सपूत, चाहे वह कोई भी भाषा बोले, चाहे वह किसी भी क्षेत्र का हो, किसी स्वरूप में पूजा करता हो या किसी भी तरह की पूजा में विश्वास नहीं करता हो, एक हिंदू है…इस संबंध में, संघ के लिए भारत के सभी 130 करोड़ लोग हिंदू समाज है.
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून के लागू होने के बाद पूरे देश में इसके खिलाफ आन्दोलन शूरू हो गया. इस कानून को मुस्लिम विरोधी कानून के तौर पर माना जाने लगा. इतना ही नहीं CAA के बदले लोग NRC जिसकी अभीतक कोई चर्चा ही नहीं संसद में हुई, उसके खिलाफ लोग खड़े हो गए. अल्पसंख्यकों के मन में भ्रम का जाल ऐसा बुना गया कि लोग ये समझने लगे हैं कि इस कानून से मुस्लिम समाज को देश से बाहर कर दिया जायेगा. हालांकि पीएम मोदी ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि ये सब विपक्ष का फैलाया जाल है. जो लोगों के भ्रमित कर रहा है.
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