सिटी पोस्ट लाइव : चीन में निर्मित सामानों के भारत में बहिष्कार से चीन की चिंता बढ़ गई है. चीन के प्रॉपगैंडा न्यूज पोर्टल ग्लोबल टाइम्स ने एक बार फिर भारत पर निशाना साधा है. ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में कहा गया है कि कुछ भारतीय राष्ट्रवादियों के कारण भारत में ऐंटी-चीन भावना पनप रही है. इस लेख में कहा गया कि चीन के खिलाफ आम भारतीयों को भड़काने और बदनाम करने की यह जानबूझकर की गई कोशिश है. चीनी सामानों के बहिष्कार की अपील पूरी तरह फेल हो जाएगी, क्योंकि ये उत्पाद आम भारतीयों की जिंदगी का हिस्सा बन चुके हैं और इसे हटाना बेहद कठिन है. गौरतलब है कि हालिया दिनों में सीमा पर चीन के साथ तनाव के बीच भारत में चीनी उत्पादों को बहिष्कार करने की मुहिम चल रही है.
इस लेख में सोनम वांगचुक का भी जिक्र है. इसमें कहा गया कि सोनम वांगचुक जैसे शख्स आम भारतीयों को चीनी सामानों का बहिष्कार करने के लिए उकसा रहे हैं. बता दें कि चीन को सबक सिखाने के लिए वांगचुक ने यूट्यूब पर एक वीडियो पोस्ट किया था. इसमें उन्होंने बताया कि चीन को आईना दिखाने के लिए क्या किया जा सकता है. उनके हिसाब से इसके दो तरीके हैं- एक तो सेना की तैनाती और दूसरा भारतीयों की ओर से (boycott chinese goods चीनी सामान का बहिष्कार.
इन दिनों भारत में चीनी सामनों के बहिष्कार की मुहिम भी चल रही है. उदाहरण के तौर पर रिमूव चाइना ऐप्स (Remove China Apps) कुछ दिन पहले ही लॉन्च हुआ था. थोड़े समय में ही इस ऐप को 50 लाख से ज्यादा डाउनलोड्स मिल गए थे. यह ऐप चीन में डिवेलप किए गए ऐप्स को स्मार्टफोन से अनइंस्टॉल करने का काम करता था. इसे प्ले स्टोर से हटाए जाने के बाद बड़ी संख्या में भारतीय यूजर्स ने अपना गुस्सा जाहिर किया. हालांकि बाद में रिमूव चाइना ऐप्स को गूगल प्ले स्टोर ने हटा दिया था.
शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के झाओ जेनचेंग ने इस लेख में कहा, ‘बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच तनाव बहुत गंभीर नहीं है. दोनों मुल्क इस मसले पर गंभीरता से बातचीत कर रहे हैं. हालांकि भारतीय मीडिया और कुछ राष्ट्रवादी चीन को बदनाम करने की कोशिश में लगे हैं. इससे पहले ग्लोबल टाइम्स के एक ट्वीट ने ट्वीट किया था- ‘भारत में रणनीति तैयार करने और नीतियां बनाने का अधिकार एक छोटे से समूह में लोगों के पास है, जो चीन के खिलाफ नकारात्मक विचारों से भरे हुए हैं. चीन के उदय और पेइचिंग और नई दिल्ली के बीच बढ़ती खाई की वजह से चीन को लेकर भारत की उलझन बढ़ती जा रही है.’
पिछले साल जब लद्दाख में चीन के साथ तनावपूर्ण स्थिति पैदा हुई थी. तब भारतीय सेना और एयरफोर्स ने ऊंचाई वाले इलाकों में जोरदार युद्धाभ्यास किया था. दुश्मन को अपनी सैन्य ताकत का अहसास कराया था. रूस से आए सेना के अत्याधुनिक टी-90 भीष्म टैंकों की गड़गड़ाहट से लद्दाख की पहाड़ी वादियां भी थर्रा उठी थीं. ये टैंक अपनी मोबिलिटी, फायर करने की क्षमता, देखते ही निशाना मारने की काबिलियत और आत्मरक्षा के लिए जाने जाते हैं. इनके अलावा एयर फोर्स के सी-17 विमानों ने रात के अंधेरे में भी रसद पहुंचाने की क्षमता का प्रदर्शन किया था.
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