बगैर नोटिस जमीन पर कब्जा दिलाने पहुंची पुलिस बैरंग लौटी वापस
सिटी पोस्ट लाइव, देवघर: शहर के एक मुहल्ले में एसडीएम के आदेश के बाद जमीन पर कब्जा दिलाने पहुंची पुलिस को काफी फजीहत का सामना करना पड़ा। मामला करनीबाग इलाके का है। बताया जा रहा है कि शुक्रवार को करनीबाग निवासी कंचन कुमार सिंह और रामेश्वर राय के बीच पिछले 25-30 वर्षों से जमीन के एक टुकड़े को लेकर विवाद चल रहा है। रामेश्वर राय का कहना था कि झारखंड हाईकोर्ट ने उन्हें जमीन पर कब्जा दिलाने को लेकर जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं। जबकि कंचन सिंह का कहना है कि उक्त जमीन पर टाइटल सूट दाखिल किया गया है और 6 अगस्त को हाईकोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई को लेकर तारीख दी गई है। इसी बीच प्रथम पक्ष ने बार काउंसिल की एक चिट्ठी दिखाते हुए यह दावा किया कि उन्हें हाईकोर्ट से कब्जा दिलाने का आदेश निर्गत है। लिहाजा, इस चिट्ठी के आधार पर देवघर के एसडीएम ने पुलिस फोर्स के साथ ही देवघर के अंचलाधिकारी को बतौर मजिस्ट्रेट उक्त जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए नियुक्त किया था लेकिन जैसे ही पुलिस दल मौके पर पहुंची, वहां मौजूद तमाम घरों के सदस्यों ने विरोध दर्ज करना शुरू कर दिया। कंचन सिंह और उनके परिवार का आरोप था कि हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन कराने से पहले उन्हें न तो नोटिस दी गई और न ही किसी तरह की सूचना दी गई। इतना ही नहीं, कंचन सिंह की तरफ से हाईकोर्ट रांची में दायर टाइटल सूट की कॉपी और सुनवाई की तारीख से संबधित दस्तावेज भी दिखाए गए। इस बीच मौके पर अफरातफरी का माहौल बना रहा। इतना ही नहीं मामला उस वक्त और भी गर्म हो गया जब खुद देवघर के अंचलाधिकारी पहुंचे और वहां मौजूद पुलिसकर्मियों और अपने मातहतों को कार्रवाई के आदेश दिए। जब गेट पर लगे ताले को तोड़ने की कोशिश की गई तो उक्त जमीन से सम्बंधित परिवार की महिला सदस्य विरोध करते हुए गेट के सामने बैठ गयी और कहने लगी कि हमलोगों की जमीन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश की जा रही है। जबकि हाईकोर्ट ने हमलोगों को इस मामले में तारीख दी है जिसकी कॉपी भी हम लोग दिखा रहे हैं। सभी महिलाओं ने विरोध करते हुए कहा कि जान दे देंगे पर ताला तोड़ने नहीं देंगे। काफी देर नाटकीय घटनाक्रम के बाद अधिकारियों ने कहा कि अभी कार्यवाही रोक दी गयी है। अब आगामी 6 अगस्त के बाद ही मामले पर कुछ किया जाएगा।
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