सिटी पोस्ट लाइव, चतरा: चतरा में खनन विभाग की लापरवाही के कारण धड़ल्ले से जारी बालू के अवैध उत्खनन व तस्करी के विरुद्ध ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। पत्थलगड़ा और सिमरिया थाना क्षेत्र के सीमा से होकर गुजरने वाली भूराही नदी में जारी बालू के अवैध उत्खनन के विरुद्ध ग्रामीणों ने एकत्रित होकर हल्ला बोला है। इस दौरान आक्रोशित ग्रामीणों ने न सिर्फ मौके पर पहुंचकर अवैध बालू का उठाव कर रहे तस्करों को मौके से खदेड़ दिया बल्कि नदी से अवैध रूप से बालू का उठाव कर जा रहे तीन ट्रैक्टरों को बालू समेत जब्त करते हुए वन विभाग और पुलिस को सौंप दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि भूराही नदी में जारी अंधाधुन बालू की तस्करी की सूचना कई बार वन विभाग और पुलिस को दी गई।
लेकिन मामले की जानकारी होने के बाद भी न तो वन विभाग ने तस्करों के विरुद्ध कोई कार्रवाई की और ना ही स्थानीय पुलिस ने। जिसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूटा और ग्रामीणों ने बालू तस्करी पर पूरी तरह रोक लगा दी। ग्रामीणों का आरोप है कि बालू के अवैध उत्खनन से नदी का न सिर्फ अस्तित्व खतरे में आ गया है बल्कि बालू भी पूरी तरह से नदी से समाप्त होने के कगार पर है। इतना ही नहीं सिमरिया और पत्थलगड़ा के कई सीमांत गांव में बालू लदे ट्रैक्टरों की आवाजाही से ग्रामीण दुर्घटनाओं के भी शिकार हो चुके हैं। ग्रामीणों के अनुसार तस्करों के द्वारा अवैध बालू का उत्खनन कर प्रतिदिन 50 से 60 ट्रैक्टर बालू चतरा और हजारीबाग के कई स्थानों में तस्करी कर भेजा जाता है। ग्रामीणों के इस कार्रवाई से इलाके में सक्रिय बालू माफियाओं में हड़कंप मचा हुआ है।
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