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स्पीडी ट्रायल के तहत एक महीने में कुल 11 मामलों में 39 अपराधियों को दिलाई गई सजा

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सिटीपोस्टलाईव: राजधानी में आये दिन हो रहे अपराध पर लगाम लगाने के लिए बिहार पुलिस ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है| प0 चम्पारण जिला के बेतिया पुलिस अधीक्षक जयंतकांत के निर्देश पर जिले के कुख्यात अपराध कर्मियों के विरुद्ध न्यायालय के द्वारा स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा दिलाने की कार्रवाई तेजी से की जा रही है। माह अप्रैल 2018 में स्पीडी ट्रायल के द्वारा मझौलिया/सहोदरा/चनपटिया तथा योगापट्टी थाना के हत्या के मामलों में चार काण्डों में बीस अभियुक्तों को आजीवन कारावास तथा 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। शिकारपुर थाना से दुष्कर्म के मामले में अभियुक्त रघुनाथ मांझी को सात वर्षों का सश्रम कारावास एवं 5 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा हुई है। एनडीपीएस केश में कंगली थाना कांड संख्या 04/17 में मंजारुल हक़ को दस वर्षों का कारावास एवं एक लाख रुपया जुर्माना, लौरिया थाना कांड संख्या 135/16 में रामजी साह को डेढ़ वर्ष का सश्रम कारावास तथा एक लाख रुपया जुर्माना एवं रेल नरकटियागंज थाना कांड संख्या 43/16 में अभियुक्त हदिसन खातून को दस वर्ष सश्रम कारावास तथा एक लाख रुपया आर्थिक दण्ड दिया गया है। लौरिया थाना कांड संख्या 188/14 मारपीट एवं हत्या के प्रयास के मामले में नर्सिंग मियां, अजार मियां, गुड्डू मियां, अरस मियां तथा दाउद मियां को सात वर्ष एवं प्रत्येक को 5 हजार रुपये अर्थ दण्ड की सजा सुनाई गई हैं। लौरिया थाना कांड संख्या 181/14 के धारा 304(ए0)/149 भादवी के अंतर्गत जालिम मियां, सद्दाम मियां, साकिर मियां, जाकिर मियां को दस वर्ष एवं दस हजार रुपये जुर्माना हुआ है। वहीँ नाैतन थाना कांड संख्या 147/14 में जगरु प्रसाद, सुरेश प्रसाद, उमेश प्रसाद, सुदेश प्रसाद तथा सुदामा प्रसाद को 2 वर्ष का सश्रम कारावास सजा सुनाई गई है। पुलिस अधीक्षक जयंतकांत ने बताया कि आगे भी जेल में बंद अपराध कर्मियों जिनके विरुद्ध पुलिस द्वारा आरोप पत्र न्यायालय में समर्पित किया गया, उन सभी के विरुद्ध स्पीडी ट्रायल जल्द से जल्द चलाया जाएगा। स्पीडी ट्रायल प्रभारी सह नोडल प्रभारी जितेंद्र प्रसाद ने बताया कि अप्रैल माह 2018 में कुल 11 मामलों में 39 व्यक्तियों को सजा दिलाई गई है। उन्होंने आगे बताया कि शस्त्र अधिनियम, मध निषेध, एनडीपीएस एक्ट एवं हत्या, लूट, रंगदारी के आरोंपियों के विरुद्ध स्पीडी ट्रायल चलाई जा रही है और कानून का चाबुक उनपर भी चलने वाला है।

पुलिस प्रशासन का यह कदम वाकई काबिले तारीफ़ है लेकिन सरकार को हर मामले में इसी तरह तत्परता दिखाते हुए सभी आरोपियों को जल्द से जल्द सलाखों के अन्दर पहुंचा देना चाहिए| इस से अपराधियों में कानून का भय बनेगा और राजधानी में अपराध में कमी आएगी|

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