छुट्टे के चक्कर में थाने पहुंचे दो ईरानी नागरिक, पुलिस गिरफ्तार कर जांच में जुटी
भाषाई ज्ञान न होने से फंसे मुश्किल में
छुट्टे के चक्कर में थाने पहुंचे दो ईरानी नागरिक, पुलिस गिरफ्तार कर जांच में जुटी
सिटी पोस्ट लाइव : राजधानी पटना के बिहटा ओवरब्रिज के पास एक सीमेंट की दुकान से दो संदिग्ध व्यक्तियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. जानकारी अनुसार ये दोनों संदिग्ध आपस में बातचीत कर रहे थे. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने उनकी बातों को सुनकर पुलिस को सुचना दी. मौके पर पहुंची बिहटा पुलिस ने दोनों संदिग्धों से पूछताछ की तब मालूम चला की ये ईरान के नागरिक हैं. पुलिस ने जब इनसे पासपोर्ट की मांग कि तो बताया पासपोर्ट होटल के कमरे में छुट गया है जिसके बाद पुलिस उन्हें अपने साथ थाने लेकर आई.
दरअसल ये दोनों व्यक्ति सीमेंट की दुकान पर बैठकर आपस में ईरानी भाषा में बातचीत कर रहे थे. जिसे सुनकर लोगों को लगा कि ये कोई आतंकी हैं. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. पुलिस ने उन्हें थाने लाकर कई घंटों तक पूछताछ की. जिससे पता चला कि ये दोनों विदेशी नागरिक जिनमें एक का नाम अबुल फजल है. उसने बताया कि वो ईरान से अपनी पत्नी अफसाना के इलाज के लिये पटना आये हैं.
पुलिस द्वारा पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि वे छुट्टा लेने के चक्कर में भटक गए और सीमेंट की दुकान में जा पहुंचे. उन्होंने बताया कि सुबह बिना गाइड के ही होटल से निकल गए थे. रस्ते में हमने कुछ चीजें लेने की सोंची लेकिन छुट्टा नहीं होने के कारण हम भटकते-भटकते सीमेंट दुकान जा पहुंचे. जहां हमलोग वापस होटल जाने की बात कर ही रहे थे की पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
बता दें दोनों विदेशियों को हिंदी भाषा की समझ नहीं होने के कारण वे इस मुसीबत में फंस गए. टूटी-फूटी अंग्रेजी में पुलिस को स्टेटमेंट दिया गया. जिसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पटना के जिस होटल में रुके थे वहां पता लगाया गया. हिरासत में लिए गए दोनों ईरानी नागरिकों ने होटल फोन कर अपने साथ आये हुए भांजे से पासपोर्ट मंगवाया जो सही पाया गया.
पुलिस ने जांच में बताया कि पासपोर्ट से दूसरे की पहचान मुर्तजा एवं भांजे नागदी के रूप में हुई है. थानाध्यक्ष रंजीत सिंह ने बताया कि वरीय अधिकारियों से आदेश लेकर उन्हें छोड़ दिया जाएगा. वैसे पुलिस का कहना है जो जानकारी उनलोगों ने दी है. उसकी तहकीकात की जा रही है. जिसके बाद पूरी तरह साफ़ हो पायेगा कि क्या ये सच में इलाज करने बिहार आये हैं या कुछ और मामला है.
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