साधना न्यूज चैनल के ऑफिस गए दो कारोबारी भाइयों की गोली मारकर हत्या
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: अरगोड़ा थाना क्षेत्र स्थित अशोक नगर रोड नंबर-एक में मकान संख्या सी-199 में चल रहे एक निजी चैनल (साधना न्यूज रांची) के दफ्तर में बुधवार शाम दो सगे कारोबारी भाइयों हेमंत अग्रवाल (36) और महेंद्र अग्रवाल (34) की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप निजी चैनल के फ्रेंचाइजी ओनर लोकेश चौधरी पर है, जो घटना के बाद से ही फरार है। मृतक दोनों भाई एयर कार्गो और सूद पर पैसा लगाने का काम करते थे। परिवार के करीबी सूत्रों के मुताबिक, काले रंग के बैग में करीब 2 करोड़ रुपए रखकर दोनों भाई स्कूटी लेकर घर से निकले। जाने से पहले महेंद्र ने अपनी पत्नी बरखा को जल्द घर आने की बात भी कही।
मूल रूप से धनबाद के रहनेवाले थे दोनों भाई
मूल रूप से धनबाद बैंक मोड़ शास्त्री नगर स्थित बालाजी अपार्टमेंट में रहने वाले अग्रवाल भाई रांची में लालपुर थाना क्षेत्र स्थित शिवम अपार्टमेंट में रह रहे थे। बुधवार शाम 4 बजे दोनों भाई स्कूटी (जेएच01सीडब्ल्यू-7488) से लोकेश से मिलने अशोक नगर रोड नंबर- एक स्थित न्यूज चैनल के कार्यालय पहुंचे थे। देर रात जब दोनों घर नहीं लौटे तब परिजनों ने लालपुर थाने में दोनों के लापता होने का सनहा दर्ज कराया। रात एक बजे तक पुलिस दोनों को ढूंढ़ती रही, लेकिन सुराग नहीं मिला। गुरुवार सुबह पुलिस जब मृतक के बड़े भाई को लेकर न्यूज चैनल के अशोक नगर स्थित कार्यालय पहुंची, तो वहां परिसर में एक कंबल से ढंकी स्कूटी दिखी। इसके बाद पुलिस घर का ताला तोड़ अंदर घुसी। खिड़की से देखा तो अंदर जमीन पर दोनों भाई के खून से लथपथ शव पड़े थे।
गार्ड बोला- शाम सात बजे ही साथियों के साथ भाग गया था लोकेश चौधरी
पूछताछ में हाउस गार्ड बिशुनदेव शर्मा ने बताया कि देर शाम करीब सात बजे लोकेश अन्य चार लोगों के साथ दफ्तर बंद कर चला गया था। लोकेश मूलत: दरभंगा का है और सिंह मोड़ में एक अपार्टमेंट में रहता है। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है। उसका मोबाइल लोकेशन बिहार में मिला है। निजी बॉडी गार्ड और ड्राइवर शंकर भी फरार है। पुलिस उन्हें तलाश रही है।
राइफल जैसे हथियार से आंख व कान में सटाकर मारी गई गोली
घटनास्थल से एक खोखा जब्त करने के बाद पुलिस यह अंदाजा लगा रही है कि दोनों भाइयों को राइफल जैसे हथियार से सटाकर गोली मारी गई है। एक भाई के कान में गोली मारी गई, जो पीछे सिर से निकल गई। वहीं दूसरे भाई की आंख में गोली मारी गई, वह भी सिर के पीछे से निकल गई। जांच में पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि जब उनके साथ लोकेश चौधरी व उसके साथी उलझ रहे थे, तब घर वालों को एक भाई ने फोन भी किया था, लेकिन परिजन समझ नहीं सके और बात नहीं हो सकी। इधर, घटनास्थल से सीटीटीवी की डीवीआर गायब है। एफएसएल टीम को पांच लोगों के फिंगर प्रिंट मिले हैं।
एसआईटी गठित : जांच के लिए एसएसपी ने एसआईटी बनाई है। इसमें सिटी एसपी, डीएसपी सिटी, डीएसपी हटिया, अरगोड़ा व लालपुर थानेदार शामिल हैं।
लोकेश से पुराना लेन-देन था, कार्गो कारोबार के अलावा सूद पर पैसा लगाने का मामला आया सामने
बुधवार की शाम 4.30 बजे बड़े भाई हेमंत ने फोन पर किसी से बात की, इसके बाद छोटे भाई महेन्द्र को साथ चलने के लिए कहा। हेमंत की पत्नी प्रीति ने बताया कि काले रंग के बैग में पैसा लेकर घर से निकले थे। परिवार वालों के अनुसार लोकेश के साथ पुराना लेन-देन था। लोकेश ने पहले जो पैसा लिया था उसमें 5.40 लाख रुपए बकाया भी था। हेमंत घर से निकलने से पहले पूर्व में दिए गए पैसे लौटाने की भी बात घर में कर रहे थे।
महेन्द्र की पत्नी बोलीं- सुबह लोकेश का मोबाइल बंद हो गया
छोटे भाई महेन्द्र की पत्नी बरखा ने बताया कि शाम 5.30 बजे मेरे मोबाइल पर महेन्द्र का मिस्ड कॉल आया। मैने तुरंत कॉल बैक किया तो गाली-गलौज की आवाज सुनाई दी। मैं बार-बार पूछ रही थी कि कहां हो आपलोग, लेकिन इसी बीच मोबाइल ऑफ हो गया। रात्रि में करीब 8 बजे लालपुर थाना में दोनों भाई की मिसिंग की सूचना दी। इसके बाद बड़े भाई हेमंत के फोन पर भी कई बार कॉल किए, रिंग हुआ, लेकिन रिसिव नहीं हुआ। रात्रि करीब 10 बजे लोकेश के मोबाइल पर फोन की तो उसने बताया कि मुझे फोन क्यों कर रही हैं। मैं नहीं जानता दोनों किससे मिलने गए हैं। सुबह में भी उससे बात हुई तो चिल्लाकर बोला कि मैं कुछ नहीं जानता दोनों भाई कहां गए। इसके बाद लोकेश का मोबाइल ऑफ हो गया। इधर, मृतक के बड़े भाई शेखर अग्रवाल जो धनबाद में रहते हैं उनके बयान पर लालपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। हेमंत और महेंद्र परिवार के साथ रांची में रहते थे, जबकि बड़ा भाई शेखर अग्रवाल पिता के साथ धनबाद में रहते है। ओमप्रकाश चौधरी के तीन बेटे में हेमंत दूसरे और महेन्द्र तीसरे नंबर पर हैं। तीन वर्ष पहले ही दोनों भाई रांची शिफ्ट हो गए थे।
सुबह में लोकेश का फेसबुक से फोटो स्टेटस गायब
बरखा ने बताया कि फेसबुक पर लोकेश को रात में ही खोज रही थी। उस समय कई फोटो फेसबुक पर थी, उसका स्क्रीन शॉट ले लिया। लेकिन सुबह में जब उससे बात हुई इसके बाद फेसबुक से फोटो व स्टेटस गायब हो गया। इसके बाद शक बढ़ गया। पुलिस को लोकेश की जानकारी दी गई। तब पुलिस हरकत में आई। वहीं पिता बुधवार को रात में ही रांची पहुंच गए थे।
अपर बाजार के व्यापारी पर भी शक
हत्या के पीछे अपर बाजार के एक व्यवसायी भी संदेह के घेरे में हैं। बरखा ने बताया कि प्रसून जैन नामक एक व्यक्ति बुधवार को शाम 5.15 बजे फ्लैट पर आया था। हेमंत के बारे में पूछ रहा था। इसके बाद वह चला गया। गुरुवार को सुबह में भी वह अपार्टमेंट के पास दिखा था।
बुधवार को ही मिल गया था लोकेशन
लालपुर पुलिस ने बुधवार रात ही उनका मोबाइल लोकेशन अशोक नंबर रोड-1 निकाला। पुलिस पहुंची तो न्यूज चैनल के कार्यालय में बिजली नहीं थी तो कुछ पता नहीं चला। लेकिन सुबह भी वही लोकेशन आया। तब पुलिस वहां पहुंची और खोजबीन के बाद शव बरामद किया।
बच्चों को पता नहीं कि पिता का साया उठ गया
हेमंत के के दो बच्चे हैं। एक पांच वर्ष का तन्मय और ढाई वर्ष की हर्षु। महेन्द्र की कोई संतान नहीं है। दोनों भाई की हत्या की सूचना के बाद फ्लैट में कोहराम मचा था। लेकिन बच्चों को इसका जरा भी आभास नहीं था कि अब उनके सिर से पिता का साया उठ गया है। वे बार-बार मां से पूछ रहे थे कि क्यों रो रही हो। अचानक घर में लोगों की भीड़ देखकर पांच वर्ष का तन्मय सहम भी गया। लेकिन उसे डर से कोई कुछ बता नहीं रहा था कि अब उसके पापा इस दुनिया में नहीं हैं।
बड़े भाई ने बताया – पैसा वापस नहीं कर रहा था लोकेश इसलिए करा दी भाइयों की हत्या
पुलिस को पूछताछ में बड़े भाई शेखर ने बताया कि लोकेश चौधरी ने सूद पर हेमंत व महेंद्र से 5.38 लाख रुपए लिए थे। जिसे वह वापस नहीं कर रहा था। पैसे मांगने के लिए ही दोनों भाई उसेके पास गए थे तो उनकी हत्या कर दी गई। इधर, हत्या के बाद तैनात हाउस गार्ड बिशुनदेव शर्मा भी भाग निकला। उसे पुलिस ने हिरासत में लिया है। पूछताछ में उसने बताया कि वह बाहर था। जब लोकेश चौधरी चार पांच लोगंो के साथ शाम में निकल गए तब वह भी वहां से भाग निकला।
रांची में शुरू किया था कुरियर का कारोबार
रांची में धनबाद के दो सगे भाई हेमंत अग्रवाल उर्फ बिट्टू और महेंद्र अग्रवाल उर्फ डब्बू की हत्या को लेकर धनबाद का जसरापुरिया परिवार स्तब्ध है। घटना की जानकारी मिलने के बाद मृतक के पिता ओम प्रकाश अग्रवाल के शास्त्रीनगर स्थित बालजी इन्क्लेव स्थित फ्लैट व झरिया के पोद्दारपाड़ा में जान-पहचान और रिश्तेदारों का आना-जाना लगा रहा। रिश्तेदारों ने बताया कि दोनों भाई काफी मिलनसार थे। पढ़ाई करने के बाद दोनों भाई रांची में फ्लैट लेकर परिवार के साथ रह रहे थे। दोनों भाईयों की गुमशुदगी की सूचना मिलने पर पिता ओमप्रकाश अग्रवाल और बड़ा भाई शेखर अग्रवाल बुधवार को ही रांची पहुंच गए थे। मां कृष्णा अग्रवाल पहले से ही दोनों भाईयों के पास थी। मृतक महेंद्र के ससुर हजारीमल सुलतानियां ने बताया कि बेटी ने बुधवार को फोन कर बताया कि दोनों भाई एक ही स्कूटी से निकले थे। वापस नहीं लौटने पर छह बजे फोन किया तो मोबाइल स्विच ऑफ मिला। इसके बाद उसने जानकारी परिजनों को दी। रात 3 बजे मोबाइल आन हुआ। रिंग करने पर दूसरे साइड से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन किसी ने मोबाइल छीन ली। मृतक के दादा जगदीश अग्रवाल जसरापुरिया राजस्थान के जसरापुरिया गांव से धनबाद आए थे। पूरा परिवार झरिया के पोद्दारपाड़ा में रहता था। इस कारण इन्हें जसरापुरिया के नाम से जाना जाता है। 24 अगस्त 2004 में ओमप्रकाश अग्रवाल पोद्दारपाड़ा छोड़ कर शास्त्रीनगर में फ्लैट में रहने आ गए। घर से निकलते वक्त हेमंत ने अपने हाथों से निखिल लिखा था। उसका तर्क था कि जब भी कोई आवास में प्रवेश करेगा तो उसकी याद आएगी।
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