सिटीपोस्टलाईव :21 साल पूर्व हुए अपहरण के बाद हत्या के एक मामले में बेतिया जिला अपर सत्र न्यायाधीश सह एफटीसी द्वितीय ओमप्रकाश ने कुख्यात दस्यु सरगना वीरझन यादव को उम्रकैद की सजा सुनाई है| इसके साथ ही भादवि की धारा 201 में पांच हजार रुपये जुर्माना व सात वर्ष कारावास की सजा मुकर्रर की। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। अपर लोक अभियोजक चंद्रशेखर प्रसाद ने बताया कि सूचक योगापट्टी थाना क्षेत्र के चौमुखा निवासी मुस्मात ज्ञानती देवी का पति हरेंद्र यादव 01 अक्टूबर 1996 की शाम दरवाजे पर मवेशी को चारा खिला रहा था। तभी वीरझन यादव, बंशी यादव सहित अन्य दस्यु बंदूक व फरसा के साथ आ धमके। बंशी यादव ने कहा कि 20 हजार रुपये फिरौती मांगी थी, लेकिन तुमने नहीं दिया। उसने हरेंद्र यादव को पकड़ लिया। ज्ञानती देवी चिल्लाती हुई बाहर आई और पति को छोड़ देने की गुहार लगाने लगी। लेकिन, दस्यु नहीं पिघले। हरेंद्र यादव का हाथ बांधकर घसीटते हुए अज्ञात स्थल पर ले गए। जाते वक्त कहा – एक माह के अंदर 50 हजार रुपये भेज दो, नहीं तो मार देंगे। भय व गरीबी के कारण ज्ञानती देवी ने न तो पुलिस को सूचना दी और न ही फिरौती भेज सी। कुछ दिन बाद पता चला कि पति की हत्या कर शव को कहीं छिपा दिया गया।
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