सिटी पोस्ट लाइव, गिरिडिह: कोरोना के संदिग्ध मरीज की अफवाह के बाद शुक्रवार को भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य शाखा में हड़कप मच गया। अफवाह भर से पूरे शाखा में अफरा-तफरी हो गई। बैंक के मुख्य प्रबंधक नवनीत कुमार से लेकर सारे बैंक कर्मी और ग्राहक शाखा कार्यालय से बाहर निकलने के लिए इधर-उधर भागना शुरु कर दिया। कुछ महिला बैंक कर्मी तो डर के कारण बैंक के पहले तल्ले के कमरों में जा छिपी वहीं कुछ ग्राहक डर के कारण खुद को बाथरुम में बंद हो गए। जबकि कुछ ग्राहक और बैंक कर्मी छोटे गेट से धक्का-मुक्की करते हुए किसी तरह बाहर निकले। इस धक्का-मुक्की के कारण गेट पर लगा सुरक्षा चैन भी टूट गया। लेकिन यह अफवाह खुद एक ग्राहक ने अपना काम तुरन्त निबटाने को लिर उड़ायी थी जो बैंकिग कार्य निपटाने के लिए बैंक पहुंचा था।
घटना दोपहर की हैा शाखा कार्यालय के फ्रंट हिस्सा और पिछले हिस्से में ग्राहकों की पूरी भीड़ थी। इस दौरान कर्मी भी ग्राहकों के काम निपटा रहे थे। कुछ कांउटरों पर अधिक भीड़ रहने के कारण ग्राहक लाईन में खड़े हो कर काम निपटा रहे थे। इसी दौरान जिले के महेशपुर गांव का एक 30 वर्षीय युवक बैंक घुसा। माॅस्क लगाएं युवक सीधा पिछले हिस्से के एक कांउटर पर पहुंच कर महिला बैंक कर्मी को पासबुक अपटूडेट करने की अपील किया। जबकि इस कांउटर पर ग्राहक पहले से लाईन में खड़े थे। माॅस्क लगाएं इस युवक की तस्वीर बैंक के सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई है। महिला कर्मी ने महेशपुर के इस ग्राहक को लाईन में खड़ा होने की अपील किया। लेकिन युवक महिला कर्मी से कहा कि वह कोरोना का संदिग्ध मरीज है, और सदर अस्पताल से सैंपल देकर आया है। ऐसे में वह अधिक देर तक खड़ा नहीं हो सकता। युवक के इतना कहते ही पूरे बैंक में हड़कप मच गया। अफरा-तफरी का यह हाल बैंक के भीतर करीब एक घंटे तक रहा। इस दौरान सुरक्षा कर्मियों ने युवक को बैंक से बाहर निकलने को कहा। सुरक्षा कर्मियों के कहने पर युवक बैंक से बाहर निकल गया। स्थिति जब समान्य हुई, तो युवक को काफी तलाशा गया। लेकिन युवक का कोई अता-पता नहीं था। इस बीच डर से कई कर्मी दुबारा बैंक के भीतर नहीं घुसे। बैंकिग कार्य कुछ देर के लिए ठप कर दिया गया। इस दौरान मुख्य प्रबंधक के निर्देश पर पूरे बैंक को सैनेटाईज किया गया। इधर सिविल सर्जन ने स्पष्ट कहा कि फिलहाल ऐसे किसी का सैंपल नहीं लिया जाता है।
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