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“विशेष” : डॉक्टर हत्या मामले में हत्यारे की अभीतक नहीं हुई है कोई गिरफ्तारी

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“विशेष” : डॉक्टर हत्या मामले में हत्यारे की अभीतक नहीं हुई है कोई गिरफ्तारी

सिटी पोस्ट लाइव “विशेष” : बीते 19 मार्च को दोपहर बाद दिनदहाड़े सहरसा सदर थाना के बैजनाथपट्टी इलाके में डॉक्टर किशोर भास्कर की हुई हत्या मामले में सहरसा पुलिस के हाथ अभीतक खाली हैं ।पुलिस हत्या का ना तो कारण समझ पा रही है और ना ही हत्यारे का कोई सुराग ही पुलिस को मिल पा रहा है ।हत्या से तिलमिलाए डॉक्टर ने हत्यारे की गिरफ्तारी नहीं होने से आज से जिले भर में हड़ताल कर दी है ।बताना बेहद जरूरी है की डॉक्टर के संघ IMA और IDA ने 20 मार्च को कोसी रेंज के डीआईजी सुरेश प्रसाद चौधरी, जिलाधिकारी मोहतरमा शैलजा शर्मा और पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार को हत्यारे की गिरफ्तारी को लेकर 48 घण्टे का अल्टीमेटम दिया था ।पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने हत्या के बाद डॉक्टरों से इस मामले के पटाक्षेप और हत्यारे की गिरफ्तारी के लिए 48 घण्टे का वक्त मांगा था ।लेकिन पुलिस अधीक्षक अपने वायदे के मुताबिक हत्या से मुतल्लिक अभी तक कोई ठोस जानकारी तक हासिल नहीं कर पाए हैं ।नतीजतन आज आक्रोशित डॉक्टरों ने हल्ला बोलते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ आंदोलन का विगुल फूंक दिया है ।जिले भर के सभी सरकारी अस्पतालों की सारी सेवाएं ठप्प कर दी गयी हैं ।हांलांकि इमरजेंसी सेवा को बहाल रखा गया है ।यही नहीं जिले भर के सारे नर्सिंग होम और निजी क्लिनिक की सारी सेवाएं बन्द कर दी गयी हैं ।IMA के सचिव डॉक्टर शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि डॉक्टर समाज काफी भयभीत है ।डॉक्टर किशोर भास्कर की हत्या ने डॉक्टर समाज को और डरा दिया है ।पुलिस और जिला प्रशासन को डॉक्टर की जिंदगी और सुरक्षा की कोई परवाह नहीं है ।डॉक्टर भय  के माहौल में सेवा देने को विवश रहते हैं ।इससे पूर्व भी डॉक्टर समाज ने सहरसा में कई बड़े आंदोलन किये और अपनी सुरक्षा के लिए हथियार के लाइसेंस की गुहार लगाई लेकिन जिला प्रशासन ने उनकी मांग को ठंडे बस्ते में रख दिया ।

बड़ा अहम मसला यह है कि कोसी के पीएमसीएच कहे जाने वाले सदर अस्पताल में तालाबंदी है ।इस अस्पताल से लाखों लोगों की उम्मीदें जुड़ी हुई हैं ।डॉक्टरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की है,जिसका असर गरीब मरीज पर खासा दिखने लगा है ।वैसे सारे नर्सिंग होम में भी ताले लटके हुए हैं ।अब मरीज जाएं,तो जाएं कहाँ ?ऐसे गम्भीर मामले में एसपी को मुखर होकर सामने आना चाहिए था और कमान खुद संभालनी चाहिए थी ।लेकिन किसी भी मामले में उनकी कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखती है ।

हम एक बार फिर से डॉक्टर किशोर भास्कर की हत्या का जिक्र कर रहे हैं ।बीते 19 मार्च के दिन में डॉक्टर अपनी ऑल्टो कार से सुपौल और आरण गाँव की दिशा से सहरसा जिला मुख्यालय की ओर आ रहे थे ।उनकी हत्या गर्दन पर दो गोली मारकर हुई है ।सबसे महत्वपूर्ण बात थी कि हत्यारा कार के पीछे की सीट पर बैठा हुआ था ।दो गोली मारने के बाद उसका हथियार कार में ही गिर गया और वह सीट कूदकर कर के कार के अगले गेट को खोलकर बाहर निकला ।हत्यारा डॉक्टर का मोबाइल अपने साथ ले गया ।गौरतलब है कि डॉक्टर के पर्स में 16 हजार रुपये थे जिसे हत्यारे ने छुआ तक नहीं ।इस हत्या में इतना तो स्पष्ट है कि हत्या डॉक्टर के किसी निकटवर्ती शख्स ने किया है ।हत्यारा डॉक्टर के साथ था ।इस तरह की हत्या हमने खासकर सैक्स जैसे मसले को लेकर होते देखी है ।वैसे यह पुलिस का मामला है कि वह किस-किस बिंदु को आधार मानकर जांच कर रही है ।सदर एसडीपी प्रभाकर तिवारी ने हमसे हुई खास बातचीत में इतना जरूर कहा था कि यह पारिवारिक पेंचीदा मामले को लेकर हुई हत्या प्रतीत हो रही है ।वैसे पुलिस विभिन्य बिंदुओं को देखते हुए जांच कर रही है ।ऐसा नहीं है कि पुलिस अधिकारी इस मामले की तफ्तीश और इसके पटाक्षेप में नहीं जुटी है ।दीगर बात यह है कि पुलिस के हाथ अभीतक कोई दमदार तथ्य नहीं आया है ।

इधर डॉक्टरों के इस अनिश्चितकालीन हड़ताल से मरीजों की परेशानी बढ़नी तय है ।पुलिस के आलाधिकारी को इस मामले में त्वरित हस्तक्षेप करते हुए डॉक्टरों को अपने विश्वास में लेना जरूरी है ।सहरसा पुलिस लेट-लतीफी और अपनी बिगड़ैल कार्यशैली के लिए खासा बदनाम रही है ।इस मामले में डॉक्टरों को रिझाना और मनाना जरूरी है ।सहरसा में पहली बार सभी तरह के प्राइवेट नर्सिंग होम और क्लिनिक में ताले लटक रहे हैं ।हमें अभी कहीं से भी नहीं लग रहा है कि पुलिस आनन-फानन में दिवंगत डॉक्टर के असली कातिल को दबोचने में कामयाब होगी ।

पीटीएन न्यूज मीडिया ग्रुप के सीनियर एडिटर मुकेश कुमार सिंह की “विशेष” रिपोर्ट

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