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आदिवासी बहुल खूंटी में लहलहा रही है अफीम और गांजा की फसल

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आदिवासी बहुल खूंटी में लहलहा रही है अफीम और गांजा की फसल

सिटी पोस्ट लाइव, खूंटी: अमर स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की धरती इन दिनों अफीम और गांजा की खेती को लेकर फिर सूर्खियों में है। वैसे तो उग्रवाद प्रभावित व आदिवासी बहुल खूंटी जिले का अफीम की खेती से पुराना रिश्ता रहा है। जिला गठन के बाद ही जिले में अफीम की अवैध खेती का बीज पड़ चुका था। धीरे-धीरे यह विकराल रूप लेता गया और स्थिति यह है कि अब जिले के सभी छह प्रखंडों के हजारों एकड़ खेत में अफीम और गांजा की खेती की जा रही है। कुछ साल पहले तक जिले में सिर्फ अड़की प्रखंड में ही अफीम की खेती होती थी, पर अब इसका दायरा सभी छह प्रखंडों तक बढ़ चुका है।

तेजी से फैल रही गांजा की खेती ने एक ओर जहां पुलिस प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जिले के अड़की, मांरगहादा, सायको, तोरपा, खूंटी, मुरहू, जिस थाना के सुदूरवर्ती पहाड़ी इलाकों में नजर डालें, हर ओर खेतों में गुलाबी, लाल और सफेद रंग की लहलहाती फसल देखकर लगेगा कि कहीं यह फूलों की घाटी तो नहीं, पर लोग जानते हैं कि यह मदाक पदार्थ की खेती क्षेत्र के लिए कितना नुकसानदेह साबित हो रहा है। जानकारों की मानें, तो अब भी जिले में हजारों एकड़ खेत में अफीम की फसल अवैध रूप से उगायी जा रही है। वैसे तो जिला गठन के बाद ही खूंटी के अड़की, खूंटी और मुरहू थाना क्षेत्र में अफीम की खेती शुरू हो गयी थी, लेकिन पुलिस द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं होने का परिणाम रहा कि पूरे जिले में इस जहर की खेती होने लगी।

जानकार बताते हैं कि पहले झारखंड में सिर्फ चतरा जिले में अफीम की खेती होती थी, लेकिन तस्करों की नजर खूंटी जिले के सीधे सादे आदिवासियों पर पड़ी। उन्होंने किसानों को समझाया कि धान की फसल के बाद खेत खाली रहती है। यदि वहां अफीम की खेती की जाए, तो काफी लाभ होगा। अफीम से मिलने वाली आमदनी को देखकर गांव के गांव इसकी खेती शुरू हो गयी। पहली बार 2017 में अफीम की खेती के खिलाफ पुलिस ने जोरदार कार्रवाई शुरू की। उस वर्ष पुलिस ने लगभग डेढ़ हजार एकड़ खेत में लगी अफीम की खेती को नष्ट किया था। 2018 में 1144 एकड़ क्षेत्रफल में लगी फसल नष्ट की गयी थी। पिछले वर्ष भी 710.85 एकड़ की अफीम फसल को पुलिस ने खत्म कर दिया था। 2020 में भी पुलिस लगभग डेढ़ सौ एकड़ में लगी फसल नष्ट कर चुकी है। इसके बाद भी पहाड़ी और जंगली इलाकों में पोस्ते की खेती की जा रही है।

अब तक 148 लोगों की गिरफ्तारी, 239 किलो अफीम की बरामदगी

पुलिस ने अफीम की खेती और तस्करी के आरोप में अब तक 148 लोगों को जेल की सलाखों के पीछे भेज चुकी है। 2017 में 14 लोगों की गिरफ्तारी हुई। 2018 में 40 लोग पकड़े गये। इसी प्रकार 2019 में 83 लोग अफीम की खेती और कारोबार के आरोप में गिरफ्तार किये गये। 2020 के एक महीने में पांच लोग पकड़े जा चुके हैं। जानकारी के अनुसार पुलिस ने अब तक 239 किलो अफीम और 50 किलो डोडा भी बरामद किया है। अफीम तस्करों के पास से अब तक 37 लाख 80 हजार 850 रुपये नकद बरामद किये गये हैं। इसके अलावा दर्जनों कार, बाइक, ट्रक, टैंपू, मोबाइल आदि बरामद किये गये हैं।जिले में अवैध अफीम की खेती के संबंध में एसपी आशुतोष शेखर ने कहा कि अफीम और गांजा की खेती और कारोबार के खिलाफ पुलिस का अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि लोगों को अफीम और गांजा की खेती के खिलाफ पुलिस द्वारा लगातार गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

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