जामो पुलिस ने सुनील, राजकरन, राममिलन, के खिलाफ मारपीट व छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की। वहीं एसडीएम ने भी जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर की गई शिकायत पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसके कारण दबंग उन्हें लगातार प्रताड़ित करते आ रहे हैं। आरोप यह है कि इस मामले में दारोगा ब्रह्मानंद यादव ने उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया था। मुकदमा दर्ज करने के बाद दारोगा आरोपितों पर कार्रवाई करने के बजाए समझौता करने का दबाव बना रहे हैं। पीड़िताओं के मुताबिक जब अमेठी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की तो उच्चाधिकारियों से भी संपर्क किया। पीड़िता ने बताया कि वह आईजी रेंज के कार्यालय पहुंचकर न्याय की गुहार लगा चुकी हैं। लेकिन वहां न्याय नहीं मिला। पुलिस व प्रशासन सीधे दबंगों की मदद कर रहा है।
घटना से पहले कांग्रेस दफ्तर गईं मां-बेटी
पुलिस की जांच में यह पता चला है कि पुलिस प्रशासन से जब न्याय नहीं मिला तो यह महिलाएं घटना से पूर्व कांग्रेस कार्यालय जाकर अनूप पटेल से मिली भी थीं। अनूप पटेल ने एक बड़े चैनल के पत्रकार को फोन करके कवरेज करने की बात कही थी। पत्रकार ने पुलिस को इस बात की जानकारी दी कि अनूप पटेल ने फोन करके दी थी पूरे मामले की जानकारी। सरकार को बदनाम करने की साजिश रची गयी है। इस मामले में कांग्रस प्रवक्ता अनूप पटेल और एमआईएम नेता कदीर खां के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। महिला आसमां और एमआईएम के जिलाध्यक्ष को भी गिरफ्तार किया गया है। आसमां और सुल्तान नाम के भी दो 2 लोगों का नाम षड्यंत्र में शामिल है।
लखनऊ में तैनात चार पुलिसकर्मी निलंबित
लोकभवन के सामने मां-बेटी ने आत्मदाह के लिए मिट्टी का तेल उड़ेल लिया और खुद को आग लगा दी। कुछ देर बाद सूचना पर पहुंची पुलिस ने उन्हें आग की लपटो से बचाते हुए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया है। डॉक्टरों का कहना है कि महिला साफिया 80 प्रतिशत तक जल गई है। जबकि उनकी बेटी गुड़िया 40 प्रतिशत जली है। दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है। इलाज किया जा रहा है।
अखिलेश यादव ने किया था ट्वीट
लोकभवन के सामने मां-बेटी के आग लगाने के मामले में सियासत भी तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर सरकर पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार में गरीबों की कोई सुनवाई नहीं है। लोकभवन के सामने दो महिलाओं के आत्मदाह की घटना सोती हुई सरकार को जगाने के लिए क्या काफी नहीं है या फिर असंवेदनशील सरकर मुख्यमंत्री जी किसी बड़ी घटना का इंतजार कर रहे हैं।
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