मन्नू सिंह हत्याकांड मामले में तीन लोग गिरफ्तार, थ्री नट और जिंदा कारतूस बरामद
आर.के.सिंह हर वक्त वर्दी में अपराधियों को सूंघते फिर रहे
मन्नू सिंह हत्याकांड मामले में तीन लोग गिरफ्तार, थ्री नट और जिंदा कारतूस बरामद
पकड़ में आये तीन युवक को पुलिस ने मन्नू के हत्यारे के रूप में परोसा, घटना के समय स्थल पर ये तीनों भी थे मौजूद, जंग खाये थ्री नट और तीन जिंदा कारतूस भी किये प्रस्तुत, बीते सोमवार को एसपी राकेश कुमार ने सात बजे शाम से पहले ही तीन अपराधियों की गिरफ्तारी की करी थी पुष्टि, सदर थानाध्यक्ष तीनों की गिरफ्तारी संतनगर स्थित भोलन साह के बगीचे से साढ़े आठ बजे रात में कागजी तौर पर दिखा रहे, आखिर गिरफ्तारी के समय में अंतर क्यों? सच यह है कि तथाकथित हत्यारे को घर से उठा ले गयी थी पुलिस, हांलांकि कारण जो भी हो, मृतक के भाई गोलू ने इन तीनों को भी बनाया है आरोपी.
सिटी पोस्ट लाइव एक्सक्लूसिव : मन्नू हत्याकांड में पुलिस अभीतक सिर्फ पसीने बहा रही है और हांफ रही है। उग्र और बड़े आंदोलन की आग को कुंद करने के लिए तीन आरोपी अपराधी को जेल भेजकर पुलिस अधिकारी को लग रहा है कि उन्होंने बड़ा शिकार कर के जनता का दिल जीत लिया है। पुलिस ने जिन युवकों को जेल भेजा है, वे तीनों के नाम प्रेमसागर, पंकज यादव और विद्द्या सागर कुमार है। एक आरोपी युवक रजनीश यादव जो वाकई इस हत्याकांड में बढ़-चढ़कर था, आज उसने थोड़ी देर पहले सहरसा कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। बीते सोमवार को चार बजे शाम के बाद सदर थाना के कोसी चौक के समीप पहले एक भाई गोलू की जमकर पिटाई हो रही थी। जब सूचना पाकर बड़ा भाई सत्यम कुमार उर्फ मन्नू बीच-बचाव करने घटनास्थल पर पहुंचा, तो उसकी हत्या गोली मारकर कर दी गयी। यूँ पुलिस के अपने सूचना तंत्र हैं लेकिन वे बेहद नाजुक और कमजोर हैं। अमूमन सुनी-सुनाई बातों को ही पुलिस अधिकारी बड़ा सूत्र समझने लगते हैं। हमारे भी सूत्र हैं जिसके मुताबिक पुलिस की कार्यशैली अभीतक सही नहीं है।अलग-अलग पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों से पूछताछ कर अपनी निजी डायरी मोटी करने में लगे हैं। हमें जो सूत्रों से जानकारी मिली है उसके मुताबिक पहले बबन शर्मा ने थ्री नट से एक गोली हवा में फायर की और फिर थ्री नट मन्नू सिंह पर तान दी। मन्नू सिंह ने बबन का हाथ पकड़ लिया। इतने में राहुल शर्मा, मुकेश शर्मा और रजनीश यादव ने मन्नू को पीछे से पकड़ लिया। बबन ने थ्री नट बाबू शर्मा की तरफ फेंक दिया। बाबू शर्मा ने फिर थ्री नट मन्नू सिंह पर तान दी। मन्नू हट्टा-कट्ठा था,उसने फिर बाबू शर्मा के भी हाथ को पकड़ लिया। लेकिन थ्री नट की नली मन्नू की गर्दन की तरफ थी। बाबू ने ट्रिगर दबा दिया। मन्नू सिंह वहीं गिर गया। गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास के लोग दौड़े। पड़ोस के अक्षय आनंद ने अपने कुछ सहयोगियों के साथ मन्नू को पहले सदर अस्पताल फिर निजी सूर्या अस्पताल लेकर गए लेकिन तबतक मन्नू दुनिया को अलविदा कह चुका था। पुलिस अधिकारी अगर सही में मन्नू से सहानुभूति रखते हैं और मन्नू को न्याय दिलाने चाहते हैं तो, बाबू शर्मा, बबन शर्मा सहित सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दें। आरोपियों के घर की कोर्ट से कुर्की-जब्ती का त्वरित आदेश लें।आरोपियों के परिजन को गिरफ्तार करें। सदर एसडीपीओ प्रभाकर तिवारी भी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापामारी कर रहे हैं ।लेकिन मुख्य आरोपी अभी फरार हैं। सदर एसडीपीओ ने कहा कि यह मामला उनके लिए बहुत बड़ी चुनौती है। वे मन्नू को न्याय दिलाकर रहेंगे,चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े। सदर थानाध्यक्ष आर.के.सिंह हर वक्त वर्दी में अपराधियों को सूंघते फिर रहे हैं लेकिन अपराधी पकड़ में नही आ रहे हैं। जाहिर तौर पर सभी स्तर के पदाधिकारी इस हत्याकांड से दुःखी हैं और इस मामले का पटाक्षेप चाहते हैं इस मामले का सबसे दुःखद पहलू और मरी हुई इंसानियत का जिंदा सबूत यह है कि गोली चलने से पहले 15-20 मिनट तक मारपीट की घटना घट रही थी और उस इलाके में घनी आबादी और बाजार भी है, लेकिन कोई भी एक बन्दा मारपीट को रोकने के लिए आगे नहीं बढ़ा। अगर लोग चाहते तो भीड़ की शक्ल में इन गुडों को दबोच सकती थी ।लेकिन सबको अपनी पड़ी है दूसरे से कोई लेना-देना नहीं है। सहरसा पुलिस अधीक्षक अभी सरकारी कार्य से पटना गए हुए हैं। लोग उनकी वापसी का इंतजार कर रहे है। पुलिस कप्तान को इस मामले में पुरजोर दखल देकर मामले का पटाक्षेप करना चाहिए। अब आगे देखना है कि मन्नू को इंसाफ पुलिसवाले दिलाते हैं कि आंदोलित लोग।
सहरसा से संकेत सिंह की खास रिपोर्ट
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