लंबे समय से अवैध रूप से संचालित क्रशर से सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना
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सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: रामगढ़ जिले में पत्थरों के अवैध कारोबार को लेकर जिला खनन पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार सिंह के द्वारा जमानतीय धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है, जिसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। लंबे समय से अवैध रूप से संचालित क्रशर से सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगा है। यहां तक कि इन अवैध क्रशर में बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराया गया है। इसके बावजूद जब यहां माइनिंग टास्क फोर्स की टीम पहुंची तो उन्हें न किसी क्रेशर संचालक का नाम मिला और न ही उनके बारे में कोई सुराग उन्हें हाथ लगा। वहां 23 अवैध क्रशर को जेसीबी से ध्वस्त किया गया। इसके बावजूद प्राथमिकी में इसका जिक्र भी जिला खनन पदाधिकारी ने नहीं किया। उन्होंने झारखंड लघु खनिज नियमावली 2004 की धारा 54 एवं खान एवं खनिज (विकास का विनियमन) 1957 की धारा 21 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। दोनों ही धाराएं जमानतीय है। इसका मतलब साफ है कि विभाग और सरकार को चूना लगाने वाले लोगों को कोर्ट से जमानत मिल जाएगी। एसपी प्रभात कुमार ने कहा कि जिला खनन पदाधिकारी ने जो आवेदन दिया है उसमें न तो यह दर्शाया गया है कि कितने क्रशर वहां ध्वस्त किए गए हैं और न ही किसी के बारे में कोई सुराग दिया गया है। उन्होंने कहा कि अज्ञात लोगों के विरुद्ध आवेदन दिया गया है। पुलिस अपना काम ईमानदारी से करेगी। इधर, जिला खनन पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार सिंह ने इसपर अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि जब वहां टास्क फोर्स की टीम पहुंची, ग्रामीणों से पूछताछ की गई। वहां किसी का भी नाम सामने नहीं आया। उन्होंने यह भी कहा कि वह बिजली विभाग को पत्र लिखेंगे, जिसमें अवैध क्रशर को दिए गए बिजली कनेक्शन को काटने का अनुरोध किया जाएगा।
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