बेगूसराय : सदर अस्पताल प्रबंधन की संवेदनहीनता, इलाज के बिना बच्ची की मौत
सिटी पोस्ट लाइव : बेगूसराय सदर अस्पताल प्रबंधन की संवेदनहीनता आज उस वक्त देखने को आयी जब डायरिया से पीड़ित भाई-बहन की इलाज के दौरान जहां बहन की मौत हो गई, वहीं भाई को रेफर करने के बाद एंबुलेंस तक नसीब नहीं हुआ। थक हार परिजन बच्चे को बाइक से निजी अस्पताल इलाज के लिए ले गए। परिजनों ने इलाज में लापरवाही के कारण बच्ची की मौत का आरोप लगा रहे हैं। सुबे का नंबर वन कहे जाने वाला सदर अस्पताल बेगूसराय में डायरिया पीड़ित बच्चों का इलाज भी सही तरीके से नहीं हो रहा है ।
तभी तो देर रात डायरिया से पीड़ित 2 बच्चों को इलाज के लिए भर्ती कराया गया जिसमें से एक बच्ची की मौत हो गई जबकि उसका भाई जीवन और मौत से जूझ रहा है । इतना ही नहीं डॉक्टरों ने सदर अस्पताल से बच्चे की हालत गंभीर बताकर उसे रेफर कर दिया। दरअसल बेगूसराय जिले के नावकोठी थाना क्षेत्र के महेश बारा निवासी मुकेश मलिक के पुत्र एवं पुत्री की दस्त और उल्टी की शिकायत थी । परिजनों के द्वारा दोनों बच्चों को सदर अस्पताल लाया गया जहां परिजन घंटों अस्पताल में भटकते रहे तब जाकर बच्चों को एडमिट किया गया और इलाज के नाम पर सिर्फ एक बोतल पानी चढ़ाया गया । परिणाम यह रहा कि मुकेश मलिक की पुत्री जुली कुमारी की मौत आज सवेरे हो गई।
परिजनों ने आरोप लगाया है कि जब सवेरे डॉक्टर मरीजों के निरीक्षण के लिए आए तो मुकेश मलिक के पुत्र रवि किशन की हालत को देखकर डॉक्टरों ने उसे बेहतर इलाज के लिए रेफर कर अपना पल्ला झाड़ लिया । लेकिन रेफर करने के बाद ना तो मरीज को एंबुलेंस मुहैया कराई गई और ना ही किसी अन्य प्रकार की सुविधा दी गई । थक हार कर परिजन इलाज के लिए बच्चे को बाइक से ही लेकर चले गए ।
बेगूसराय सदर अस्पताल पूरे सूबे के नामचीन अस्पतालों में से एक है और बेगूसराय सदर अस्पताल को पूर्व में पुरस्कार भी दिया जा चुका है । लेकिन सुविधा की दृष्टिकोण से देखा जाए तो डायरिया जैसे आम बीमारी का इलाज भी बेगूसराय सदर अस्पताल में संभव नहीं है। अब इसे डॉक्टर की लापरवाही कहा जाए या प्रबंधन की कमजोरी कि एक परिवार अपने बच्चे के इलाज के लिए भटकता रहा और अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस सिर्फ अस्पताल की शोभा बढ़ाती रही। वजह जो भी हो लेकिन आज समुचित इलाज की वजह से एक परिवार ने अपने चिराग को खो दिया।
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