सिटी पोस्ट लाइव, रांची: नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी ) के निर्देश के बाद राज्य सरकार ने बालू के खनन, भंडारण और परिवहन पर रोक लगा रखी है। लेकिन बालू के अवैध कारोबारियों को सरकार का निर्देश या फिर कानून का कहां डर है। सरकार के आदेश को ताक पर रख कर पुलिस अंचल और माइनिंग के अधिकारी बालू माफियाओं को खुल कर मदद कर रहे हैं। इसके बदले माफियाओं द्वारा अधिकारियों की अच्छी खासी सेवा की जा रही है।
अर्थात इन्हें चढ़ावा चढ़ाईए और अपने काम पर लग जाइए। बालू के अवैध कारोबार से राज्य सरकार को रोज लाखों का चूना लग रहा है। बालू कि तस्करी बुढ़मू थाना क्षेत्र के छापर नदी में भी देखने को मिल जाएगा। जहां रोज अहले सुबह सैकड़ों ट्रैक्टर नदी से बालू निकालते हैं और कुछ दूरी पर स्टॉक करते हैं। उस बालू को रात के अंधेरे में जेसीबी से हाइवा में लाद कर बाजारों में महंगे दामों में
बिक्री की जा रही है। माफियाओं द्वारा 200 सीएफटी का चालान काट कर 700 से 800 सीएफटी बालू बाजारों में बिक्री की जा रही है। कारोबार से जुड़े लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक स्टॉक किए गए बालू को गुमला जिले के तजना या बिहार से मंगाया गया
बालू बोल कर चालान की आड़ में गोरखधंधा की जा रही है। छोटेबड़े सभी अधिकारी यह जानते हुए की सरकार ने बालू घाटों की नीलामी नहीं की है। उसके बावजूद बाजारों में धड़ल्ले से किये जा रहे बालू तस्करी पर खामोश हैं। सूत्रों का कहना है कि बालू के अवैध कारोबार में कोई रोक टोक नहीं है चाहे वह दिन हो या फिर रात।
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