पशु व्यवसायी के साथ मारपीट मामले में हिंदीपीढ़ी थानेदार हटाए गए
सिटी पोस्ट लाइव, रांची: पशु व्यवसाई मोहम्मद मुजीब की थानेमें बेरहमी से पिटाई मामले में हिंदपीढ़ी के थाना प्रभारी सुनील कुमार तिवारी हटाए गए हैं। डीजीपी एमबी राव के निर्देश के बाद एसएसपी अनीश गुप्ता ने उन्हें हटाने का आदेश जारी किया। हिंदपीढ़ी थानेदार सुनील को लाइन हाजिर करते हुए उनके खिलाफ जांच का भी आदेश दिया गया है। इससे पूर्व पूरे मामले में शमीम अली नामक व्यक्ति ने मामले को लेकर ट्वीट करते हुए हेमंत सोरेन और डीजीपी को टैग किया था ।
ट्वीट पर जानकारी मिलने के बाद डीजीपी ने कार्रवाई का आदेश दिया था। बताया जाता है कि हिंदपीढ़ी भट्टी चौक के समीप रहने वाले मोहम्मद मुजीब को हिंदपीढ़ी थाने की पुलिस हिरासत में लेकर थाने लेकर गयी थी ।जहां 24 घंटे से ज्यादा रखकर उसे जमकर पीटा गया था। इसके साथ ही उसे प्रताड़ित किया गया। इस घटना की एक वीडियो वायरल हुई थी। संबंधित वीडियो ट्विटर पर सीएमओ और डीजीपी को ट्वीट किया गया था। डीजीपी ने मामले में जांच का आदेश एसएसपीअनीश गुप्ता को दिया था ।
इसके बाद एसएसपी ने कार्रवाई करते हुए थानेदार को तत्काल हटा दिया है। इससे संबंधित रिपोर्ट कोतवाली डीएसपी से मांगी थी देर रात डीएसपी ने रिपोर्ट एसएसपी को सौंपी थी । इसलिए बाद एसएसपी ने यह कार्रवाई की। प्रतिबंधित मांस बेचने वाले व्यवसायी को पकड़ने पर थानेदार को किया गया सस्पेंड हिंदपीढ़ी थानेदार सुनील कुमार तिवारी ने बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार की ओर से लॉक डाउन किया गया है। कई लोगों ने फोन पर सूचना दी कि पशु व्यवसायी इलाके में प्रतिबंधित मांस बेचने का काम करवाता है। लगातार पुलिस को सूचना मिल रही थी कि इलाके में प्रतिबंधित मांस बेचा जा रहा है। जिससे पूरे इलाके में भीड़ लग रही है और लॉक डाउन का उल्लंघन हो रहा है। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए पशु व्यवसायी को हिरासत में लेकर पूछताछ की और बाद में उसे छोड़ दिया। फिर हिंदीपीढ़ी पुलिस को सूचना मिली की मदीना और बड़ी मस्जिद में 17 विदेशी मुसलमान ठहरे हुए हैं। डीसी और एसएसपी के आदेश पर पुलिस ने सभी को जांच के लिए खेलगांव भेजा। देर रात जांच में भेजे जाने पर इलाके के कई लोग नाराज हो गए। इसी बात पर कुछ लोग नाराज होकर बेबुनियाद आरोप लगाकर साजिश रच कर सीएम और डीजीपी को ट्वीट किए और उन्हें सस्पेंड करवाया। क्या लॉक डाउन का पालन करवाना और प्रतिबंधित मांस बेचने वाले को पकड़ना गलत है।
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