हजारीबाग : पशुपालन के बाद सीसीएल मगध व आम्रपाली में बड़ा घोटाला
सिटी पोस्ट लाइव, हजारीबाग : ट्रांस्पोर्टर बीजीआर कंपनी के जीएम रघुराम रेड्डी द्वारा नक्सलियों को लाखों करोड़ों की राशि उपलब्ध कराकर उसे समृद्ध करने के मामले की जांच एनआईए द्वारा की जा रही है। एनआईए ने इस मामले में कंपनी के जीएम रेड्डी के हजारीबाग स्थित आवास में जांच के बाद उनसे पूछताछ दिल्ली में की है। यह मामला अभी चल ही रहा है, इसी दौरान एक नया खुलासा सीसीएल अधिकारियों व ट्रांस्पोर्टिंग कंपनी की मिलीभगत से करोड़ों के घोटाले का हुआ है। चतरा के खनन विभाग द्वारा कोयले की ट्रांस्पोर्टिंग में उपयोग में लाई गई गाड़ियों की जांच के क्रम में पाया कि जिन गाड़ियों के नंबर कोयले की ढुलाई के लिए दिए गए थे, वे फर्जी हैं। गाड़ियों के नंबर स्कूटर मोटरसाइकिल टेंपों जैसी छोटी गाड़ियों के पाए गए। खनन विभाग द्वारा जिला परिवहन विभाग ने गाड़ियों के नंबर के सत्यापन के क्रम में यह खुलासा हुआ है। इस संबंध में टंडवा थाने में दो दिन पूर्व प्राथमिकी दर्ज की गई। बुधवार को डीआईजी पंकज कंबोज ने टंडवा सीडीपीओ को दूरभाष पर मामले की जानकारी देकर तेजी से जांच करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस मामले में सीसीएल अधिकारियों से लेकर ट्रांस्पोर्टरों की जांच करने की भी बात कही। डीआईजी ने बताया कि मामले की जांच के बाद नया खुलासा सामने आ सकता है। इसमें दोषी पदाधिकारियों व ट्रांस्पोर्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
298 गाड़ियों पर दर्ज कराया गया मामला
डीआईजी पंकज कंबोज ने बताया कि खनन विभाग द्वारा जिला परिवहन विभाग से गाड़ियों के सत्यापन के बाबत जानकारी दी गई है कि 298 गाड़ियों के नंबर ट्रक के नहीं हैं । सभी नंबर छोटी गाड़ियां के हैं। यह भी बताया गया कि इन गाड़ियों द्वारा 500 से अधिक बार कोयला ढोए जाने का जिक्र किया गया है। एक ट्रक अमूमन 30 से 50 टन कोयला ढोता है। ऐसे में कोयले की चोरी का आकलन किया जा सकता है। संभावना जताई जा रही है कि इन नंबरों का उपयोग कर कोयले को संबंधित निर्दिष्ट स्थान पर गिराने के अलावा बाजार में गिराकर राशि का बड़ा घोटाला किया गया है। पकड़े जाने की स्थिति में भी सही दोषी सामने न आने पाए, इसके लिए यह प्रयास किया गया। मामले की जांच के बाद इसका दायरा काफी बड़ा होने की बात कही जा रही है।
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