पहली बार बिहार बोर्ड सुर्खियों में तब आया जब 2015 में बिहार बोर्ड की 10वीं की परीक्षा का रिजल्ट आया. वैशाली जिले में परीक्षा के दौरान चीटिंग की हैरान कर देनेवाली तस्वीरें सामने आई
2016 में आर्ट्स टॉपर रूबी रॉय की वजह से बिहार की खूब जग-हंसाई हुई.रूबी का नाम बोर्ड की ओर से आर्ट्स टॉपर के रूप में घोषित किया गया.लेकिन इस टॉपर को अपने विषय तक का नाम सही से नहीं पता था.
2017 में जब 12वीं बोर्ड का परिणाम आया और एक बार फिर टॉपर घोटाला हो गया .इस बार भी मामला आर्ट्स टॉपर का था. बोर्ड द्वारा घोषित आर्ट्स टॉपर गणेश द्वारा अपने उम्र के बारे में दी गई जानकारी फर्जी निकली.
सिटी पोस्ट लाईव :आज बिहार विद्यालय परीक्षा समिति 12 वीं कक्षा के छात्रों का रिजल्ट जारी करेगा.इस रिजल्ट को लेकर एकबार फिर से बोर्ड चर्चा में है.पिछले तीन सैलून में बोर्ड देश भर में चर्चा में बना हुआ है. चर्चा में आने की वजह शर्मसार कर देनेवाले हैं.इसबार बोर्ड का रिजल्ट कैसा होगा,सबकी नजर इसी बात पर टिकी है.
पहली बार बिहार बोर्ड सुर्खियों में तब आया जब 2015 में बिहार बोर्ड की 10वीं की परीक्षा का रिजल्ट आया. वैशाली जिले में परीक्षा के दौरान चीटिंग की हैरान कर देनेवाली तस्वीरें सामने आई.जिले के एक परीक्षा केंद्र पर परीक्षार्थियों के अभिभावक जान जोखिम में डालते हुए खिड़कियों के सहारे चौथी- पांचवीं मंजिल पर चढ़कर पर्चे अंदर पहुंचा रहे थे. खिड़कियों पर चढ़ चिटिंग कराती ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई और अचानक बिहार बोर्ड सुर्खियों में आ गया. इस वजह से बिहार बोर्ड और बिहार सरकार की खूब बदनामी हुई.
नक़ल के लिए तो बिहार बदनाम हुआ ही साथ ही बोर्ड के रिजल्ट ने और खेल बिगाड़ दिया. 2016 में आर्ट्स टॉपर रूबी रॉय की वजह से बिहार की खूब जग-हंसाई हुई.रूबी का नाम बोर्ड की ओर से आर्ट्स टॉपर के रूप में घोषित किया गया.लेकिन इस टॉपर को अपने विषय तक का नाम सही से नहीं पता था. टॉप करने के बाद जब मीडिया ने रूबी से उसके विषय का नाम पूछा तो उसने पॉलिटिकल साइंस को पोडिकल साइंस बताकर अपना पोल खुद खोल दिया. रूबी को अपने विषय के बारे में बेसिक जानकारी तक नहीं थी. इस पूरे मामले में रूबी ने जिस कॉलेज से परीक्षा दी थी उसके संचालक से लेकर बोर्ड के अध्यक्ष लालकेश्वर प्रसाद तक जेल गए.
2017 में जब 12वीं बोर्ड का परिणाम आया और एक बार फिर टॉपर घोटाला हो गया .इस बार भी मामला आर्ट्स टॉपर का था. बोर्ड द्वारा घोषित आर्ट्स टॉपर गणेश द्वारा अपने उम्र के बारे में दी गई जानकारी फर्जी निकली. गणेश 24 साल का था लेकिन उसने उम्र छिपाकर बोर्ड को गलत जानकारी दी. इसको
इस आरोप में जेल भी जाना पड़ा.रूबी और गणेश के रिजल्ट से साफ़ हो गया कि बोर्ड ने परीक्षा परिणाम के पहले टॉपर का सत्यापन नहीं किया . हालांकि बाद में मीडिया में खबर आने के बाद टॉपर बदला गया और गणेश को जेल भेज दिया गया.तो पहले नक़ल ,फिर दो बार फर्जी टॉपर के मामले को लेकर बिहार बोर्ड की पुरे देश में थू-थू हुई. बिहार बोर्ड से पास होनेवाले हर बिहारी की प्रतिभा को शक की निगाह से देखा जाने लगा.जबकि सच्चाई ये है कि इस साल बिहार बोर्ड की एक छात्रा ही नीट की परीक्षा में देश में नंबर वन स्थान पाने में कामयाब हुई है.
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