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रामगढ़ में नकली शराब की फैक्ट्री का उद्भेदन, कारोबारी गिरफ्तार

आधा दर्जन ब्रांडेड कंपनियों के स्टीकर, कॉर्क और शराब बनाने की सामग्री बरामद

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रामगढ़ में नकली शराब की फैक्ट्री का उद्भेदन, कारोबारी गिरफ्तार
सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: रामगढ़ शहर के बीचोंबीच नकली शराब फैक्ट्री का खुलासा हुआ है। शुक्रवार  सुबह उत्पाद विभाग ने शहर के बाजार टांड इलाके में छापेमारी की। यहां नकली शराब के कारोबारी बासु को गिरफ्तार किया गया है। उत्पाद विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर अरविंद कुजूर ने बताया कि बासु के पास से आधा दर्जन से अधिक ब्रांडेड कंपनियों के स्टीकर, लेबल, कॉक और नकली शराब बनाने की सामग्री बरामद की गई है। नकली शराब के कारोबारी विभिन्न विदेशी शराब की कंपनी का स्टीकर बनाकर नकली शराब बेचते थे। उन्होंने बताया कि शहर में कई स्थानों पर बोतलों में नकली लेबल और कॉर्क लगाकर नकली शराब बेचने की सूचना मिल रही थी। इस सूचना पर उत्पाद विभाग के सब इंस्पेक्टर प्रदीप शर्मा ने टीम बना कर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान बासु को उसके घर से ही गिरफ्तार किया गया। बासु के घर में कई बोरियों में बंद कई ब्रांडेड कंपनियों के स्टीकर, लेबल, कॉक और शराब बनाने के उपकरण रखे गए थे। उन सभी को जब्त किया गया है। बासु के घर से नकली शराब में फ्लेवर और कलर लाने के लिए एक लिक्विड पदार्थ “कारमेल” भी बरामद किया गया है। असिस्टेंट कमिश्नर ने बताया कि कारमेल एक ऐसा रंगीन लिक्विड पदार्थ है, जिसे 1 लीटर पानी में मात्र एक बूंद मिलाया जाता है। इससे सफेद स्पिरिट शराब का कलर बदल जाता है।
कोलकाता से लाया जाता था नकली लेबल 
असिस्टेंट कमिश्नर ने जब बासु से पूछताछ की तो उसने बताया कि नकली लेबल, स्टीकर और शराब की बोतल का ढक्कन वह कोलकाता से लेकर आता था। यहां पर वह अपने घर में भी शराब बनाकर बाजार में बेचता था। इसके अलावा वह बोकारो, कोडरमा, हजारीबाग जिलों में भी इन सामग्रियों की सप्लाई करता था। उसने  बताया कि रामगढ़ जिले के कई ग्रामीण इलाकों में नकली शराब बनाने वाले कारोबारी हैं, जो छोटी मात्रा में नकली शराब तैयार करते हैं। वे कचरा चुनने वाले बच्चों से शराब की बोतल खरीदते हैं। उसका लेबल हटाकर बोतल में नकली शराब भर देते हैं। खरीदने वाले को वह असली लगे इसलिए उसपर नया स्टीकर, लेबल और ढक्कन लगाकर उसे सील कर देते हैं। स्टिकर पर कंपनी का नाम और उनके सारे निर्देशों के साथ उसका दाम भी छपा रहता है। इससे ग्राहक को शराब की बोतल खरीदने में ज्यादा संदेह नहीं होता है। विदित हो कि इससे पहले भी उत्पाद विभाग ने गोला प्रखंड में छापेमारी की थी। वहां से भी नकली शराब के कारोबारी को पकड़ा था। वहां से लाखों रुपए के नकली शराब बरामद किए गए थे।

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