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रामगढ़ में शिक्षा विभाग ने उड़ाई लॉक डाउन सिस्टम की धज्जियां

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रामगढ़ में शिक्षा विभाग ने उड़ाई लॉक डाउन सिस्टम की धज्जियां

सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: रामगढ़ जिले में शिक्षा विभाग ने लॉक डाउन सिस्टम की धज्जियां उड़ा दी हैं। इस विभाग को ना तो कोरोना वायरस के संक्रमण का डर है, और ना ही जिला प्रशासन के अधिकारियों का। जहां एक और डीसी और एसपी दिन रात शहर से लेकर गांव तक लोगों को घर में रहने की बात कह रहे हैं। यहां तक कि महापर्व छठ और रामनवमी जैसे त्योहार पर भी लोगों ने भीड़ जुटाने से मना कर दिया। वहीं शिक्षा विभाग गरीब परिवारों के हजारों बच्चों को घर से बाहर बुला रहा है। सोमवार को रामगढ़ शहर के ठीक बीचोबीच सुभाष चौक पर स्थित छावनी परिषद बालिका मध्य विद्यालय में सैकड़ों बच्चे एक साथ खेलते कूदते नजर आए। यहां मौजूद शिक्षकों ने उन्हें इस तरह लाइन में लगाया कि सोशल डिस्टेंस का दम घुट गया। पूरे बेतरतीब तरीके से उन लोगों को चावल और रुपए उपलब्ध कराए गए। यह हाल सिर्फ रामगढ़ के एक स्कूल का नहीं है। जिले के तमाम सरकारी विद्यालयों का है। जिसकी जिम्मेदार शिक्षा पदाधिकारी हैं। शिक्षा विभाग ने उन स्कूली बच्चों को यूनिफॉर्म में स्कूल तो बुलाया, लेकिन उन्हें सुरक्षित स्कूल तक लाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की। ना ही उन्हें अनाज उपलब्ध कराने के लिए सोशल डिस्टेंस या उनके प्रिकॉशन की कोई व्यवस्था की गई है। इस पूरे मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से जब पूछा गया तो उन्होंने साफ तौर पर राज्य सरकार पर ही ठीकरा फोड़ दिया।

इस संबंध में जिला शिक्षा पदाधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश के आधार पर ही बच्चों को स्कूल में बुलाकर अनाज और रुपए का वितरण कराया जा रहा है। रामगढ़ जिले में कुल 57974 बच्चों के लिए अनाज और रुपए का आवंटन किया गया है। यह रकम 1 करोड़ 21 लाख 5686 रुपए है। जिला शिक्षा पदाधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि 26 मार्च को उन्हें विभागीय पत्र प्राप्त हुआ। जिसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया था‌ कि उक्त राशि विमुक्त करने के लिए निर्देशों का पालन किया जाय। 17 मार्च से 30 अप्रैल तक कुल 33 प्रस्तावित शैक्षणिक कार्य दिवस हेतु प्राथमिक कक्षा के बच्चों के लिए 4.48 रूपये एवं उच्च प्राथमिक कक्षा के लिए 6.71 रूपये के दर से राशि का आवंटन किया गया है। प्रत्येक जिला के लिए राशि का आवंटन उस जिला में वर्ष 2019-20 के किसी भी माह में दर्ज अधिकतम औसत उपस्थिति के आधार पर राशि का आवंटन किया जा रहा है। यह राशि मुख्य रूप से 17 मार्च से बन्द अवधि तक के लिए छात्रों को प्रतिपूर्ति भत्ता के भुगतान के लिए आवंटित की जा रही है। प्रथम चरण में 14 अप्रैल तक की राशि की गणना करते हुए भुगतान किया जाय। प्रत्येक विद्यालय सभी छात्रों के लिए बन्द अवधि के लिए योजना के निर्धारित दर के आधार पर राशि की गणना करते हुए मध्याहन भोजन प्रतिपूर्ति भत्ता संबंधित छात्र/अभिभावक के बैंक खाता के माध्यम से राशि का भुगतान करेंगे। इस के लिए छात्रों के छात्रवृति/पोषाक के राशि हस्तानांतरण के लिए संधारित बैंक खाता का इस्तेमाल किया जा सकेगा। दुर्गम क्षेत्रों में अवस्थित विद्यालय जहां बैंक की सुविधा बेहतर नहीं है अथवा ऐसे छात्र जिन्हें बैंक खाता उपलब्ध नहीं है उन छात्रों के प्रतिपूर्ति भत्ता का नगद भुगतान विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य सचिव (प्रधानाध्यापक) के द्वारा किया जायेगा। सभी जिला शिक्षा अधीक्षक संबंधित विद्यालय के अधिकतम औसत उपस्थिति के आधार पर राशि का आवंटन संबंधित विद्यालय को निर्गत करेंगे। आवंटित राशि (छात्र संख्या से अधिक आवश्यकता (उपस्थिति) होने पर विद्यालय/जिला में उपलब्ध राशि से भुगतान करना सुनिश्चित किया जायेगा। इससे संबंधित प्रतिवेदन राशि की अधियाचना करते हुए प्राधिकरण कार्यालय को 2/5 उपलब्ध कराया जायेगा। विभाग ने यह भी आदेश दिया था कि सभी जिला शिक्षा अधीक्षक प्रतिपूर्ति भत्ता के रूप में भुगतान किये जाने वाले राशि का लेखा संधारण अलग से पंजी संधारित करते हुए किया जाय। सरकार के इन निर्देशों स्पष्ट है कि शिक्षा विभाग ने पूरे झारखंड को कोविड-19 के आंधी में ठोक दिया है।

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