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सरायकेला मॉब लिंचिंग पर यूएन में भी चर्चा

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सरायकेला मॉब लिंचिंग पर यूएन में भी चर्चा

सिटी पोस्ट लाइव, रांची: संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में सरायकेला मॉब लिंचिंग मामले की चर्चा पहुंच गई है। 1 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र के ह्यूमन राइट्स काउंसिल के 41वें आम सत्र के दौरान एनजीओ सेंटर फॉर अफ्रीका डेवलपमेंट एंड प्रोग्रेस के पॉल न्यूमैन कुमार स्टैनिस्क्लाव्स ने अपने संबोधन में भारत में मॉब लिंचिंग की घटनाओं का जिक्र करते हुए सरायकेला में तबरेज अंसारी पर भीड़ के हमले का भी जिक्र किया। ह्यूमन राइट्स काउंसिल ने इस घटना का विवरण मांगा है। इस संबोधन के एक हफ्ते बाद अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एआईएमआईएम प्रमुख असद्दुदीन ओवैसी समेत कई नेताओं ने इसे ट्वीट किया है।

घटना और इसके बाद हुए उपद्रव पर हाइकोर्ट भी गंभीर
सरायकेला के धातकीडीह में हुई माॅब लिंचिंग और इसके बाद 5 जुलाई को रांची के डाेरंडा व एकरा मस्जिद के पास हुए उपद्रव पर झारखंड हाइकोर्ट में भी सुनवाई हुई। मॉब लिंचिंग से जुड़ी जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सोमवार को हाइकोर्ट ने सरकार और रांची पुलिस से दोनों मामलों में रिपोर्ट मांगी है। जस्टिस एचसी मिश्रा और जस्टिस दीपक राेशन की खंडपीठ ने कहा कि माॅब लिंचिंग गंभीर मामला है। इसे किसी भी सूरत में सहजता से नहीं लिया जा सकता है। लेकिन, इसे लेकर रांची में भीड़ द्वारा किया गया उपद्रव उससे भी गंभीर है। इसे सामान्य नहीं माना जा सकता। खंडपीठ ने निर्देश दिया कि सरकार मॉब लिंचिंग और उसके बाद की गई कार्रवाई की रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे। वहीं रांची में हुए उपद्रव का पूरा ब्योरा एसएसपी 17 जुलाई तक कोर्ट में पेश करें।

मामले में उच्चस्तरीय जांच की याचिका
सरायकेला में मॉब लिंचिंग की घटना के बाद पंकज यादव ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें कहा गया है कि झारखंड में 18 मार्च 2016 से अब तक हुईं मॉब लिंचिंग की घटनाओं में 18 लोगों की जान जा चुकी है। रामगढ़ में हुई घटना के बाद से ऐसे मामलों को रोकने के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया गया है। मॉब लिचिंग की घटनाओं की सीबीआई जांच होनी चाहिए। याचिकाकर्ता पंकज यादव ने एक अन्य याचिका भी सोमवार को दायर की। इसमें पांच जुलाई को रांची डोरंडा और एकरा मस्जिद की घटना का उल्लेख करते हुए कहा गया कि दोनों घटनाएं काफी गंभीर हैं और यह पुलिस-प्रशासन की विफलता का उदाहरण भी है। इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराने का आग्रह कोर्ट से किया गया है।

17 जून को धातकीडीह में भीड़ ने तबरेज अंसारी को पीटा था

सरायकेला के धातकीडीह में 17 जून को ग्रामीणों ने चोरी के आरोप में कदमडीहा के युवक तबरेज अंसारी को पकड़ा था। उसे खंभे से बांधकर पिटाई की थी और उससे जबरन जय श्रीराम के नारे लगवाए थे। अगली सुबह उसे पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने तबरेज को जेल भेजा था, जहां उसकी मौत हो गई। परिजनों का आरोप था कि भीड़ की पिटाई की वजह से ही तबरेज की मौत हुई।

3 दिन पहले डाेरंडा में उपद्रवियों ने की थी तोड़फोड़

मॉब लिंचिंग में तबरेज की मौत के विरोध में 5 जुलाई को डोरंडा में मुस्लिम संगठनों ने सभा की थी। सभा के बाद लौटती भीड़ ने डोरंडा स्थित राजेंद्र चौक पर काफी उपद्रव किया था। वाहनों में तोड़फोड़ और पथराव किया था। एक बस को जलाने की भी कोशिश की गई। वहीं एयरपोर्ट के पास कुछ युवकों की पिटाई के विरोध में रतन टॉकीज चौक को जाम कर दिया गया था। दर्जनों वाहनों में तोड़फोड़ करते हुए दो लोगों को चाकू मार कर घायल कर दिया था। भीड़ द्वारा राजेंद्र चौक पर बस में तोड़फोड़ का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।

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