बाबूलाल मरांडी को नक्सलियों के नाम पर मिला धमकी भरा पत्र, एसपी ने कहा नक्सली संगठन का हाथ नहीं
सिटी पोस्ट लाइव, गिरिडीह: झारखंड में लोकसभा हो या विधानसभा चुनाव के दौरान नक्सली अक्सर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहते हैं। झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष और कोडरमा से विपक्षी महागठबंधन के उम्मीदवार बाबूलाल मरांडी को नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के नाम पर सोमवार की रात एक धमक भरा पत्र मिला है। पत्र में बाबूलाल को लोकसभा चुनाव के झाविमो उम्मीदवारों को मैदान से हटने और 23 अप्रैल से 19 मई तक झारखंड में नहीं रहने का फरमान सुनाया गया है। 48 घंटे के अंदर उम्मीदवारों को बैठाने कहा गया है। ऐसा नहीं करने पर कोडरमा कांग्रेस अध्यक्ष शंकर यादव की तरह सरेआम वाहन समेत उड़ा देने की धमकी दी गयी है। उक्त जानकारी बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में दी है। बाबूलाल ने बताया कि उन्हें यह पत्र डाक से आया है। पत्र में उन्हें झारखंड में रहने पर प्रतिबंधित करने की बात कही गयी है। पत्र में दावा किया गया है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखंड के 14 लोकसभा सीटों को जीतने के लिए नक्सलियों से समझौते किया है। बाबूलाल मरांडी को धमकी भरा ये पत्र गिरिडीह जिले के बरमसिया निवासी किसी अविनाश िन्हा अधिवक्ता के लेटरपेड पर भेजा गया है। अविनाश कुमार सिन्हा नामक अधिवक्ता के लेटर पेड पर लिखे इस पत्र में निवेदक की जगह भाकपा माओवादी संगठन भाकपा माओवादी लिखा हुआ है। वहीं लेटर में नीचे की तरफ अधिवक्ता का स्टाम्प भी लगा हुआ है। इस लेटर को बाबूलाल मरांडी ने मंगलवार को मीडिया को दिखाया। उन्हें सरकार से पूरे मामले की जांच करने की मांग की है।
सरकार ने उनकी जेड प्लस सुरक्षा वापस ली
मंगलवार को उपरोक्त पत्र को मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि वे और उनका परिवार शुरु से नक्सलियों की निशाने पर रहा है। उनके पुत्र की हत्या नक्सलियों ने की थी तो छोटे भाई नुनूलाल मरांडी पर कई दफा जानलेवा हमला किया गया। इसके बावजूद उनकी सुरक्षा में कटौती की गयी, उनकी जेड प्लस सुरक्षा भी वापस ले ली गयी। उन्होंने कहा कि इस धमकी से वे डरनेवाले नहीं हैं और अपना काम करते रहेंगे। इस मामले को पुलिस व सरकार गम्भीरता से ले तथा दोषी पर कार्रवाई करे।
नक्सली संगठन का काम नहीं
इस संबंध में एसपी सुरेन्द्र झा ने पत्रकारों से बातचीत में मरांडी को भाकपा माओवादी के पत्र लिखने से साफ इंकार किया है। उन्होंने कहा कि यह किसी नक्सली संगठन का काम नहीं है। ऐसे कई पत्र ऐसे नामों से जारी हुए हैं। पुलिस एसआइटी की टीम गठित कर मामले में जुटी हुई है। हालांकि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह काम किसी अर्धविक्षिपत है। मौके पर डीएसपी नवीन सिंह और थाना प्रभारी आदिकांत महतो उपस्थित थे।
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