आयुष्मान योजना का कार्ड होने के बाद भी मरीज की गई जान
सिटी पोस्ट लाइव : आयुष्मान योजना का कार्ड होने के बाद भी पैसे के लिए 12 दिन तक मरीज अशोक चौहान का ऑपरेशन नहीं किया गया था। इस खबर को प्रमुखता से छापा तो स्वास्थ्य विभाग और रिम्स प्रबंधन ने हस्तक्षेप कर 13वें दिन पांच अक्टूबर को उसका ऑपरेशन तो करा दिया गया पर उचित देखभाल के अभाव में उसकी शुक्रवार को मौत हो गई। जानकारी के अनुसार बेरमो निवासी लाल राशनकार्डधारी अशोक चौहान को 18 सिंतबर को सर्वाइकल में चोट के कारण गंभीर स्थिति में रिम्स में भर्ती कराया गया था। उसको तत्काल ऑपरेशन की जरूरत थी लेकिन डॉक्टर ने उसकी पत्नी लालपरी से आपरेशन के लिए जरूरी सामग्री इंतजाम करने के लिए कहा। सामग्री के आपूर्तिकर्ता ने 50 हजार रुपये की मांग की। इतनी रकम का इंतजाम नहीं करने पर उसका ऑपरेशन टाल दिया गया था। 23 सितंबर को आयुष्मान भारत योजना के रांची में ही लांच होने पर उसे गोल्डन कार्ड दिया गया, लेकिन दलाल उसे समझाते रहे कि कार्ड में पैसे नहीं हैं, अत: बिना 50 हजार दिए ऑपरेशन संभव नहीं होगा। इस संबंध में जब चार सितंबर को खबर छपी तो स्वास्थ्य विभाग और रिम्स प्रबंधन हरकत में आए और आनन-फानन में आयुष्मान योजना के तहत आपरेशन करा दिया। लेकिन रिम्स की लचर कार्यप्रणाली उपेक्षा और लापरवाही इसके बाद भी अशोक को भारी पड़ी।
छह अक्टूबर को ऑपरेशन के बाद पत्नी साये की तरह उसकी देखभाल करती रही। दो दिन पूर्व जब मरीज की हालत में सुधार हुआ तो उसकी पत्नी लालपरी जरूरी काम से अपने गांव चली गई। उधर, अव्यवस्था के लिए कुख्यात रिम्स के न्यूरो आइसीयू में देखरेख के अभाव में मरीज ने अपने कॉलर ब्रेस को नोंच लिया। इसके बाद उसकी हालत बिगड़ने लगी। पत्नी लौटी और उसकी हालत गंभीर देखी तो विलाप करने लगी। इसके बाद डॉक्टर सीबी सहाय और स्वास्थ्य कर्मी भी सक्रिय हुए। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। शनिवार शाम को अशोक ने दम तोड़ दिया।
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