सिटी पोस्ट लाइव, रायबरेली: युवती से छेड़खानी और परिजनों पर हमला करने के प्रकरण में मुख्यमंत्री के संज्ञान में लेने के बाद बड़ी कारवाई हुई है। शुक्रवार को मामले में इंस्पेक्टर को निलंबित किया गया है और आईजी ने गांव जाकर परिजनों से मुलाकात की। पूरे मामले की अब गहन पड़ताल की जा रही है। दरअसल, सलोन थाना क्षेत्र के पूरे गड़रियन गांव में एक युवती के साथ आये दिन कुछ समुदाय विशेष के युवकों द्वारा छेड़खानी की जा रही थी, जिसमें एक पक्ष द्वारा जब छेड़खानी का विरोध किया गया तो कुछ लोग ईंट पत्थर के साथ लामबंद होकर आए और मारपीट करने लगे। गुरुवार को जब इसको लेकर ग्राम प्रधान राम नरेश पाल मार पीट करने वाले दूसरे समुदाय के लोगों को समझाने उनके घर पहुंचे तो उन लोगों ने अचानक हमला कर दिया। इसमें प्रधान के भाई हरिमोहन पाल व बेटी आशा भी घायल हो गई।
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मामले की जानकारी होने पर दोनों समुदाय के सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गए। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह विवाद को शांत कराया। इस मामले में पुलिसिया सुस्ती के बाद जब मुख्यमंत्री ने संज्ञान लिया तो तुरंत एफआईआर दर्ज करते हुए पांच को गिरफ़्तार कर लिया गया, जबकि अन्य की तलाश की जा रही है। इसके अलावा आईजी लक्ष्मी सिंह भी सलोन कोतवाली पहुंची और मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर सलोन के इंस्पेक्टर बृजमोहन को निलंबित कर दिया और गहन जांच के आदेश दिए।उन्होंने मामले की समीक्षा करते हुए पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगई से सभी हमलावरों की गिरफ़्तारी के भी आदेश दिए। आईजी ने गांव पहुंच कर प्रधान के परिजनों से भी मुलाकात की। हालांकि पत्रकारों से बात करते हुए आईजी ने कहा कि वह किसी एक मामले के सिलसिले में यहां नहीं आई हैं। पूरे जनपद की कानून व्यवस्था की समीक्षा के मद्देनजर उनका दौरा है। उन्होंने मामले में किसी तरह की शिथिलता न बरतने की भी बात कही है।
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