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लेडी गैंग ऑफ़ बिहार का राजधानी में आतंक ,11 महिला गैंस्टर चढी पुलिस के हत्थे

राहगीरों को लूटने वाले लेडी गैंग में 11 नहीं बल्कि 40 से अधिक युवतियां और महिलाएं

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सिटी पोस्ट लाईव :बुधवार की रात मोकामा का एक युवक पटना के इनकम गोलंबर के पास अंधेरे में एक युवती के चंगुल में फंस गया.उसे लगा उसकी किस्मत अच्छी है जो इतनी सुन्दर महिला ने आकर उसे खुद प्रेम का प्रस्ताव दे रही है.अभी ठीक से वह तय भी नहीं कर पाया था कि इस प्रस्ताव पर कैसे रियेक्ट करना है,तबतक दो महिलाएं और पहुँच पहुंच गई. फिर क्या था प्रेम का प्रस्ताव देनेवाली महिला ने युवक पर छेड़खानी का आरोप लगा दिया.तीनों ने उसे धमकाना शुरू कर दिया.देखते देखते 11 महिलाएं जमा हो गई.

लेकिन इस युवक की किस्मत वाकई अच्छी थी,मौके बारदात पर  कोतवाली पुलिस पहुंच गई. पुलिस को माजरा समझते देर नहीं लगा.उसने  सभी 11 महिलाओं को अपने कब्जे में ले लिया. जांच पड़ताल शुरू हुई तो पता चला कि ये मामूली महिलायें नहीं,बल्कि लेडी गैंग की खतरनाक हसीनाएं हैं.इन महिलाओं के खिलाफ पूर्व से कोतवाली में केस दर्ज है. कोतवाली पुलिस गत वर्ष जुलाई, अगस्त, अक्टूबर और इस वर्ष अप्रैल में इन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. सभी पर देह व्यापार, लूटपाट, छिनैती, शांति भंग करने का मामला दर्ज है.

कोतवाली पुलिस के हत्थे चढ़े राहगीरों को लूटने वाले लेडी गैंग में 11 नहीं बल्कि 40 से अधिक युवतियां और महिलाएं हैं.ये आसपास के जिलों से हर दिन पटना जंक्शन आती हैं. ये बाहर से आने वाले यात्रियों को अपना शिकार बनाती हैं. वारदात को अंजाम देने के बाद ट्रेन पर सवार होकर वापस चली जाती हैं. इस लेडी गैंग में कुछ युवतियां भी हैं. जिस्मफरोशी के बहाने इनका मुख्य धंधा राहगीरों से लूटपाट ही है. कोतवाली पुलिस ऐसे गैंग को पूर्व में तीन बार गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. लेकिन, जेल से बाहर आने के बाद ये फिर धंधा शुरू कर देती हैं. पुलिस के ठोस साक्ष्य और गवाह पेश नहीं करने पाने के कारण सभी आसानी से जेल से बाहर आ जाती हैं.

लुटेरी लेडी गैंग में सर्वाधिक महिलाएं और युवतियां जहानाबाद, बक्सर और खगड़िया की हैं. कोतवाली पुलिस के हत्थे चढ़ी युवतियों-महिलाओं में खगड़िया की सीता देवी, कुरथौल पटना की सुनीता, मालसलामी की सावित्री, बाढ़ की किरण, जहानाबाद की बिंदु देवी, आलमगंज की जानकी देवी, बक्सर की आशा, जहानाबाद की संतोषी देवी, पटना की सुनीता देवी, वैशाली की बेबी कुमारी और फतुहा की प्रमिला देवी शामिल हैं.शातिर महिलाएं रात में स्टेशन के बाहर सुनसान रास्ते पर पहले राहगीर को धक्का मारकर उसका इरादा भांपती हैं. मंशा भांपते ही इशारा कर जिस्मफरोशी के बहाने सुनसान जगह ले जाती हैं और ब्लैकमेल कर उनका सामान लूट लेती हैं. बदनामी के डर से लोग सब कुछ देकर चले जाते हैं.दूसरे से राज्य से आने वाले यात्रियों को पहचान गैंग की महिलाएं उनके साथ अपने सेट ऑटो पर सवार हो जाती हैं. यदि राहगीर उनका इशारा समझा तो ठीक नहीं तो किसी बहाने झगड़ा कर पुलिस बुलाने की धमकी देते हुए चालक के साथ मिलकर उन्हें लूट लेती हैं और फरार हो जाती हैं.

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