श्रीकांत प्रत्यूष .
पटना -डॉ. के घर में भीषण डकैती, बहादुर डॉक्टर बिटिया ने चालाकी से न डकैतों को किया कमरे में कैद .
सिटीपोस्टलाईव : आमतौर पर समाज में यहीं मान्यता हैं कि महिलायें अबला हैं.पुरुषों के मुकाबले शारीरिकरूप से और मानसिकरूप से कमजोर हैं.लेकिन मेडिकल की पढ़ाई कर रही पटना की एक बिटिया ने जो बहादुरी दिखाई सभी दांतों-तले उंगुली दबाने को मजबूर हैं. सबके जेहन में एक ही सवाल -“क्या एक बेटी भी इतनी काबिल और बहादुर हो सकती है “? क्या एक पढ़ी लिखी लाड-प्यार से पली बिटिया भी खूंखार डकैतों को सबक सिखा सकती है ? आपके सारे सवालों का जबाब है पटना की रूपसपुर की नीतिका .20 साल की नीतिका ने न समझदारी का परिचय दिया है बल्कि बहादुरी की एक मिसाल पेश की है.दिल्ली में एमबीबीएस की पढाई कर रही एनएम्सीएच के सहायक प्रोफेसर एस.के झा की बिटिया नीतिका जिसे प्यार से घर वाले नीति कहते हैं ,उसने खूंखार डकैतों से लोहा ले लिया .
रूपसपुर थाना क्षेत्र के मशहूर” नीति क्लिनिक ” पर सोमवार की देर रत मरीज बनकर आये डकैतों ने हमला कर दिया.10 की संख्या में आये डकैतों ने सबसे पहले क्लिनिक के दो कर्मचारियों को कब्जे में लिया फिर घर में घुस गए.जैसे ही डकैत नीतिका के कमरे में घुसे नीतिका ने सामने फर्श पर सो रहे अपने पालतू कूते से उन्हें यह कहकर सावधान किया-” अंकल सावधान ! यह कुता बेहद खतरनाक है “. कूते के खतरनाक होने की बात सुनकर डकैत सहम गए थोड़ी देर के लिए.मौके का फायदा उठाते हुए नीतिका कमरे से बाहर भाग गई और बाहर से दरवाज बंद कर दिया.अब तीन डकैत कमरे के अन्दर कैद थे और नीतिका आजाद. नीतिका बताती है-” सबसे पहले डकैतों ने सबके मोबाइल फोन अपने कब्जे में ले लिया था. मेरे पास फोन भी नहीं था.मै क्लिनिक की तरफ भागी .एक मरीज का मोबाइल लिया और उसके बेड के नीचे छिप गई .लेकिन पुलिस का या किसी पडोसी का भी नंबर नहीं था.मैंने दिमाग चलाया और गूगल करके रूपसपुर ठाने का नंबर खोजा और डकैती की खबर कर दी “. अपने तीन साथियों के कमरे में बंद होने की खबर से बा-खबर डकैत अभी लूटपाट कर ही रहे थे कि पुलिस आ धमकी. रात के अँधेरे का फायदा उठाकर बाकी डकैत तो भागने में सफल रहे लेकिन वो तीन डकैत पकडे गए जिन्हें नीतिका ने कमरे में बंद कर दिया था .
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