नए एसपी ने सहरसा को अपराध मुक्त बनाने का लिया संकल्प, नाईट पेट्रोलिंग शुरू, रात्रि में पुलिस गस्ती से हैरान हैं सहरसा वासी, अपराधियों से हलकान-परेशान है सहरसा की आम जनता और पुलिस, दहशत फैलाने की गरज से पटाखे की तरह गोलियां चलाते हैं अपराधी, जिला मुख्यालय के चालीसों वार्ड में अपराधियों का चलता है सिक्का, शख्त हुए सहरसा के नवोदित एसपी राकेश कुमार
सिटी पोस्ट लाइव, एक्सक्लूसिव : बीते कई वर्षों से अपराधियों के रहमो-करम पर टिके शहरसावासियों को अब थोड़ी उम्मीद की किरण दिखने लगी है। बेलगाम अपराध से परेशान लोग खाकी से दूरी बनाने लगे थे। हांलांकि अभी भी बेतहाशा अपराध हो रहे हैं। लेकिन नए एसपी राकेश कुमार ने तल्ख भरे अंदाज में जहां अपने कनीय अधिकारियों को शख्त हिदायत दी है वहीँ सहरसा को अपराध मुक्त बनाने का संकल्प भी लिया है। सहरसा को वर्षों बाद ऐसा एसपी मिला है, जो ना केवल लोगों का दर्द सुनते हैं बल्कि खुद वर्दी में दिन हो या रात कहीं और कभी भी दिख जाते हैं। पहले के एसपी गूलर का फूल थे। हमने बीती रात सहरसा पुलिस की कार्यशैली देखने के लिए रात्रि के बारह बजे से तीन बजे तक जिला मुख्यालय के विभिन्य हिस्से में घूमने का रिस्क उठाया। हम आश्चर्यचकित और किंकर्तव्यविमूढ़ थे कि हमें सभी इलाके में गस्ती करते हुए पुलिस अधिकारी और जवान नजर आए।कईयों ने हमें टोका और हमसे जबाब-तलब भी किये और संतुष्ट होने पर हमें मौके से बाईज्जत जाने दिया। पहले हम जब भी रात्रि ट्रेन से पटना या अन्यत्र कहीं से सहरसा आते थे, तो हमें रात्रि में कुत्तों से जरूर मुलाकात होती थी लेकिन पुलिस कहीं भी नजर नहीं आती थी। अगर दिन-रात पुलिस इसी तरह जागरूक होकर और मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी निभाये, तो बेलगाम अपराध में कमी आना तय है। सहरसा एसपी को भी चाहिए कि वे ऐसे लोगों के संपर्क में रहें जिनका वास्तविक जनसरोकार से वास्ता है। शांति समिति की बैठक में विगत कई वर्षों से पुराने चावल यानि एक ही तरह के लोगों को बार-बार बुलाया जाता है। जिनकी बातें घर के लोग नहीं मानते वे शांति समिति की बैठक में, अगली पंक्ति में बैठकर शोभा बढ़ाते हैं। हम एसपी साहब को इस खबर के माध्यम से इत्तला कर रहे हैं कि शांति समिति की बैठक में शिरकत करने वाले अधिकांश लोगों की वजह से ही शहर में अशांति फैलती है।वाकई रात्रि में पुलिस की गस्ती देखकर आंखों को बेहद सुकून मिला। हमें उम्मीद है कि आगे भी पुलिस अपने कर्तव्य के प्रति सजग और तत्पर रहेगी। वैसे जिले के सभी थाने मंडी में तब्दील हैं जहां केस दर्ज करने से लेकर दफा लगाने के लिए भी बोली लगती है। हर थाना में दलालों का कब्जा है। कुछ थाने में तो तथाकथित पत्रकार भी दलाल की भूमिका में है। केस का तटस्थ और पारदर्शी अनुसंधान वरीय अधिकारियों के द्वारा नहीं होता है। थाने की बोली लगती है और थाना भी बिकता है। बहुत ऐसी बातें हैं,जिनसे एसपी राकेश कुमार भिज्ञ हैं। उन्हें इन चीजों पर भी नकेल कसने की जरूरत है।फिलहाल हम इतना जरूर कहेंगे कि “”सहरसा पुलिस आपकी सेवा में तत्पर है”” ।पुलिस की यह गस्ती ना केवल लगातार और निर्वाध होनी चाहिए बल्कि गस्ती में और अधिक बल भी लगाए जाने चाहिए।
सहरसा से संकेत सिंह की रिपोर्ट
Comments are closed.