सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों और संक्रमण के बाद मौतों का ग्राफ जहां तेजी से नीचे गिर रहा है। वहीं इस लड़ाई के दौरान लगातार चलाए गए स्वच्छता अभियानों, विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान आदि गतिविधियों के कारण अन्य रोगों में भी इस वर्ष कमी दर्ज की गई है। स्वास्थ्य महकमे के मुताबिक जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई), एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस), डेंगू, मलेरिया आदि मामलों में पिछले वर्ष की तुलना में काफी कमी आई है।
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प्रदेश के अपर मुख्य सचिव-चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को बताया कि 2019 में 22 अक्टूबर तक एच1एन1 (स्वाइन फ्लू) के जहां 2,082 मामले सामने आए थे, वहीं इस वर्ष इसी अवधि में ये संख्या मात्र 252 रही। पिछले वर्ष 34 मरीजों की मौतें हुई थीं, वहीं इस बार यह संख्या 12 रही। दरअसल एच1एन1 का संक्रमण भी कोरोना की तरह मानव से मानव में फैलता है। इसलिए दो गज की दूरी, मास्क पहनने और स्वच्छता के नियमों का अपनाने के कारण इसमें भी गिरावट दर्ज की गई है।
अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने बताया कि इसी तरह राज्य में 22 अक्टूबर की अवधि के दौरान ही बीते वर्ष डायरिया के 790 मामले सामने आए और 16 मौतें हुईं, जबकि इस वर्ष 40 केस सामने आए और एक भी मौत नहीं हुई। इसी तरह खसरा के 2019 में 243 मामले सामने आाने के साथ 02 मौतें हुईं। वहीं इस वर्ष मात्र 01 केस सामना आया और कोई मौत नहीं हुई। वहीं चिकनपॉक्स से बीते वर्ष इसी समयावधि में 503 प्रकरण सामने आने के साथ 02 मौते हुईं, जबकि इस वर्ष अभी तक मात्र 12 प्रकरण सामने आए और मौतों की संख्या शून्य है। इस तरह कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लोगों की आदतों में बदलाव और स्वच्छता सम्बन्धी नियमों को अपनाने से अन्य संचारी रोगों का ग्राफ भी तेजी से नीचे गिरा है।
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