सिटी पोस्ट लाइव, देवघर: जिले के विभिन्न जोखिमस्थलों में रह रहे एकान्तवासी प्रवासी श्रमिकों की ना तो तकलीफें कम हो रही है और ना ही उनके लिए बेहतर व्यवस्थाएं उपलब्ध कराई जा रही है नतीजतन,आए दिन विवाद की खबरें भी सुर्खियां बटोर रही है। ज्ञात हो कि सारठ प्रखण्ड के बभनगाँवा के जोखिम स्थल में जहां ग्रामीणों और प्रवासी श्रमिकों के बीच तनातनी इस कदर बढ़ी की मामले में पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। वहीं बदइंतजामी को लेकर झिलुआ पंचायत अंतर्गत महेशलिट्टी गाँव स्थित विद्यालय भवन श्रमिक कई बार हंगामा भी कर चुके हैं। महेशलिट्टी जोखिमस्थल के दो कमरों में एक ही पंखा चालू अवस्था में होने की शिकायतों के साथ ही शौचादि दिक्कतों को लेकर भी हंगामा कर चुके हैं। यहां सरासर नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जा रही है। यह सभी प्रवासी श्रमिक मद्रास से वापस लौटे हैं।प्रवासी श्रमिक विकास कापड़ी, देवा कापड़ी , विजय कापड़ी आदि कहते हैं यहां की बदइंतजामी देखकर स्थिति सामान्य होते ही वे पुनः मद्रास लौट जाएंगे।
सारठ प्रखण्ड में बीडीओ के साथ बैठक कर मुखियाओं ने जोखिम स्थलों के लिए अलग से राशि उपलब्ध कराने सहित रोजगारपरक योजनाओं को लागू करने की माँग भी की है ताकि इन्हें रोजगार में समायोजित किया जा सके। जिले के सोनारायठाड़ी प्रखण्ड की भी स्थिति इससे अलग नहीं है और आए दिन हंगामेदार स्थिति बन रही है। सारवाँ प्रखण्ड स्थित जोखिम स्थल के हालात और भी विदारक है। सारवाँ चिकित्सा प्रभारी डॉ सुनील कुमार सिंह ने औचक निरीक्षण किया तो पाया कि जोखिमस्थल पिकनिक स्पॉट की तरह बन गया है। यहाँ के बन्दाजोरी जोखिमस्थल से निकलकर बहुत सारे लोग घरों में रह रहे हैं तो बेलटिकरी, डुब्बा, बनवरिया की भी हालत एक सी है।मदिरा पान एवं मांस आदि भी पकाए जा रहे हैं। इस प्रखण्ड के कइ जोखिम स्थलों में प्रवासी श्रमिकों की मनमर्जी जारी है।
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